NPP प्रमुख कोनराड संगमा ने कल ही मेघालय के राज्यपाल फागुराम चौहान को दोबारा सरकार बनाने के लिए 32 विधायकों का समर्थन पत्र दिया था, इसमें NPP के 26, बीजेपी और HSPDP के दो और दो आज़ाद उम्मीदवार शामिल थे लेकिन अब इसमें नया पेंच फंस गया है क्योंकि HSPDP ने अब अपना समर्थन वापस ले लिया है. बता दें कि कल समर्थन सौंपे जाने के बाद शपथग्रहण के लिए 7 मार्च की तारिख रखी गयी थी और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने की भी बात कोनराड संगमा ने कही थी.
एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े थे NPP-बीजेपी
मेघालय में सरकार बनाने के लिए 31 विधायकों की ज़रुरत है, सत्ताधारी NPP के प्रमुख कोनराड संगमा ने कल कहा था कि उनके पास पर्याप्त संख्या बल है और सरकार बनने के बाद इसमें और वृद्धि होगी। मेघालय में किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला, ऐसे में एक दूसरे का साथ छोड़ चुके NPP और बीजेपी ने चुनाव बाद आपस में फिर हाथ मिला लिए, हालाँकि तब भी बात नहीं बनी तो चुनाव जीते दो आज़ाद उम्मीदवारों को अपने में कर लिया और HSPDP के दो विधायकों का भी समर्थन प्राप्त करने का दावा किया, लेकिन चंद घंटों बाद ही उसने अपना समर्थन देने से इंकार कर दिया।
HSPDP विधायकों के अपहरण की थी खबर
वैसे कल ही यह खबर चल रही थी कि NPP ने HSPDP विधायकों का अपहरण किया है, हालाँकि कोनराड संगमा ने इस बात से इंकार किया था. HSPDP के इंकार के बाद देखना होगा कि वो बहुमत के लिए एक विधायक का जुगाड़ और कहाँ से करती है. इसके लिए उसे यकीनन किसी क्षेत्रीय दल में तोड़फोड़ करनी होगी, वैसे इसके लिए सबसे सही पार्टी कांग्रेस है जिसके विधायकों का जीत के बाद इधर उधर जाने का इतिहास रहा है. खरीद फरोख्त में सबसे आसान चारा कांग्रेस पार्टी ही रहती है.
दूसरी तरफ भी चल रहा है सरकार बनाने का प्रयास
बता दें कि NPP-बीजेपी सरकार के गठन की चर्चा के बीच शिलॉन्ग में UDP , कांग्रेस, TMC , PDF और वॉइस ऑफ पीपल पार्टी ने भी एक बैठक की थी जिसमें सरकार बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की गयी थी, इस बैठक में एचएसपीडीपी भी मौजूद थी. TMC मुकुल संगमा ने कहा था कि वो इस प्रयास में लगे हैं कि प्रदेश में गैर NPP-बीजेपी सरकार का गठन हो सके क्योंकि प्रदेश की जनता ने जहाँ बीजेपी को पूरी तरह ठुकरा दिया है वहीँ NPP को भी सरकार बनाने के लिए समर्थन नहीं दिया है.