उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले के हल्द्वानी तहसील में इस समय हज़ारों लोगों के बेघर होने का खतरा पैदा हो गया है, हाईकोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास रेलवे की ज़मीन पर दशकों से रह रहे चार हज़ार से ज़्यादा परिवारों के सिर से छत छीनने का आदेश जारी कर दिया गया है. चार हज़ार से ज़्यादा घरों को एक हफ्ते में घरों को खाली करने का आदेश जारी कर दिया गया है, 78 एकड़ में बसी इस आबादी में 80 प्रतिशत लोग अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं. इन्हें उजड़ने से पहले इन्हें बसाने की उत्तराखंड की भाजपा सरकार की तरफ से कोई बात नहीं कही गयी है ऐसे में लगभग 50 हज़ार लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, इन लोगों को विपक्षी राजनीतिक पार्टियों का समर्थन भी मिल रहा है. समाजवादी पार्टी ने भी अपना दस सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल हल्द्वानी भेजा है.
भाजपा पर अमानवीय व्यवहार का आरोप
जानकारी के मुताबिक सपा प्रतिनिधिमंडल ने वहां जाकर बेघर किये जाने की नोटिस मिले लोगों से मुलाकात कर उनसे उनका दुःख दर्द सुना. परेशान हाल लोगों ने बताया कि तीन पीढ़ियों से वो लोग वहां पर बसे हुए हैं। प्रतिनिधिमण्डल ने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि समाजवादी पार्टी और उसके प्रमुख अखिलेश यादव उनके साथ हैं। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भाजपा इस मामले में यहाँ रहने वाले गरीब लोगों के साथ अमानवीय और संवेदनशून्य व्यवहार कर रही है। इन गरीब लोगों को उजाड़ने से पहले भाजपा सरकार की तरफ से उनके लिए उचित आवास व्यवस्था तक नहीं की गई जबकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि किसी बस्ती को उजड़ने से पहले वहां रहने वालों को बसाने का इंतज़ाम किया जा चाहिए। सपा प्रतिनिधिमंडल ने सवाल किया कि आखिर बेघर गरीब कहां जायेंगे?
प्रतिनिधिमंडल में यह लोग थे शामिल
समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में एस0टी0 हसन सांसद, पूर्व मंत्री अताउर रहमान, अब्दुल मतीन सिद्दीकी प्रभारी उत्तराखण्ड प्रदेश, वीरपाल सिंह पूर्व सांसद, सुरेश परिहार प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड प्रदेश, सोएब अहमद सिद्दीकी प्रमुख महासचिव समाजवादी पार्टी, एस.के. राय प्रदेश कोषाध्यक्ष उत्तराखण्ड प्रदेश, कुलदीप सिंह भुल्लर प्रदेश प्रभारी पंजाब, चंड़ीगढ, अरशद खान पूर्व विधायक पूरनपुर, सुल्तान बेग पूर्व विधायक शामिल रहे।