अडानी, मंहगाई, बेरोज़गारी के मुद्दे पर बुरी तरह घिरी केंद्र की भाजपा सरकार ने इन ज्वलंत मुद्दों को शोरगुल में दबाने और जवाब देने से बचने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गाँधी के लंदन में दिये गए भाषण को मुद्दा बनाकर उनसे माफ़ी की मांग कर रही है. मोदी सरकार के मंत्री राहुल गाँधी और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, संसद की करवाई नहीं चलने दे रहे हैं और अब राहुल गाँधी की लोकसभा सदस्यता ख़त्म करने की मांग हो रही है. यह मांग भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की तरफ से आयी है.
निशिकांत दुबे ने उठाई मांग
निशिकांत दुबे ने राहुल गाँधी के बयानों के खिलाफ विशेष समिति बनाकर सदस्यता ख़त्म करने की मांग की है. भाजपा सांसद ने 2005 का उदाहरण देते हुए कहा कि तब पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में विशेष समिति बनाकर 11 सदस्यों की सदस्यता समाप्त की गयी थी, देश की शीर्ष अदालत ने भी उस फैसले को सही ठहराया था. राहुल गाँधी के बयान संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने हैं. भाजपा सांसद ने कहा कि राहुल गाँधी को अब संसद से निकालने का समय आ गया है. कांग्रेस नेता ने देश की गरिमा को तार तार किया है, भारत के मामलों में हस्तक्षेप के लिए दूसरे मुल्कों से अपील की है.
कांग्रेस भी अपनी मांग पर अड़ी
राहुल गाँधी से माफ़ी की मांग पर अड़ी भाजपा ने चेतावनी दी है कि कांग्रेस नेता ने अगर माफ़ी नहीं मांगी तो पूरे देश में उनके खिलाफ अभियान चलाकर उन्हें एक्सपोज़ किया जायेगा, हालाँकि पिछले 9 सालों से भाजपा यही तो करती आ रही है. राहुल गाँधी को पप्पू साबित करने के लिए भाजपा ने जी जान लगा दी. लेकिन भारत जोड़ो यात्रा को जो कामयाबी मिली वो भाजपा की उम्मीदों से कहीं ज़्यादा निकली और देश में एक नयी सोच भी उभरने लगी है. 2024 के आम चुनाव से पहले चार अहम् राज्यों में भी चुनाव हैं और ऐसे में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी का मामला ऐसा उछला जिसकी आंच प्रधानमंत्री मोदी तक पहुँचने लगी है. ऐसे में भाजपा राहुल गाँधी के लंदन में दिए गए बयानों को एक राजनीतिक मुद्दा बना रही है. हालाँकि कांग्रेस पार्टी भी एक इंच पीछे खिसकने को तैयार नहीं और अडानी और प्रधानमंत्री मोदी के रिश्तों पर लगातार सवाल उठा रही है.