राज्यसभा चुनाव में हार मिलने के बाद हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार उस वक्त और परेशानी में पड़ गयी जब सुक्खू सरकार में मंत्री पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. अपने इस्तीफे का एलान उन्होंने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया. प्रेस कांफ्रेंस में वो अपने पिता को लेकर भावुक हो गए, उन्होंने सुक्खू सरकार पर आरोप लगाया कि उन्हें अपमानित किया गया है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी प्रियंका गाँधी और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को भेज दी है. हम चाहेंगे कि सरकार हर हालत में बचे, आला कमान का हमें समर्थन भी प्राप्त है.
प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में हार के लिए मुख्यमंत्री ज़िम्मेदार हैं क्योंकि जिन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है उनकी लगातार अनदेखी की की जा रही थी, उनके क्षेत्र के लिए उठाई मांगो पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी, ये सभी विधायक लगातार खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे. पानी सर से ऊंचा हो चूका था, समय आ गया था कठोर फैसला लेने का. विक्रमादित्य ने कहा कि हिमाचल की जनता बड़े प्यार के साथ कांग्रेस की सरकार लाई थी. उन्होंने कहा कि अब आलाकमान को फैसला करना है. हम जो भी करते हैं सामने करते हैं, अगला कदम भी सबको बताकर उठाएंगे।
विक्रमादित्य के इस्तीफे के बाद हिमाचल में कांग्रेस सरकार पर खतरा मंडराने लगा है. कहा जा रहा कि सिर्फ एक वोट सत्ता पलट कर सकता है. जानकारी के मुताबिक नेता विधानसभा में इस समय हंगामा चल रहा है, स्पीकर ने भाजपा के 15 विधायकों को ससपेंड कर दिया है इनमें नेता विपक्ष जयराम ठाकुर भी शामिल हैं। जयराम ठाकुर ने आज सुबह ही राज्य के राज्यपाल से मिलकर स्पीकर की शिकायत की थी कि उन्होंने हमारे अविश्वास प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. उन्होंने अंदेशा जताया था कि स्पीकर हमारे विधायकों को सदन से निलंबित कर सकते हैं.