महाराष्ट्र में महा कामयाबी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि 80-90 बार जनता द्वारा ठुकराए जाने वाले लोग जनता की आकांक्षाओं को नहीं समझते और संसद में चर्चा नहीं होने देते. संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ऐसे मुट्ठीभर लोग अपने इरादों में सफल नहीं हुए, जनता ने उन्हें एकबार फिर दंडित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयकों को विचार के लिए सूचीबद्ध किया है, जबकि विपक्ष मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा के मुद्दे को उठाने को उत्सुक है।
पीएम मोदी ने संसद में स्वस्थ बहस पर ज़ोर देते हुए कहा कि ये दुर्भाग्य है कि कुछ लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए संसद को कंट्रोल करने के लिए व्यवधान और अराजकता का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र कई कारणों से खास है, जिसमें संविधान को अपनाने के 75वें वर्ष की शुरुआत भी शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सांसदों को शीतकालीन सत्र को उत्साह के साथ आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के प्रति भारत के मतदाता समर्पित हैं, संविधान के प्रति समर्पित हैं, संसदीय कार्य प्रणाली में उनकी अटूट आस्था है इसलिए संसद में बैठे सभी जनप्रतिनिधियों को जनभावनाओं पर खरा उतरना होगा और यह समय की मांग है। इसकी भरपाई का एक ही तरीका है कि हम सदन में हर विषय के विभिन्न पहलुओं को बहुत ही स्वस्थ तरीके से उजागर करें, आने वाली पीढ़ियों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे उम्मीद है कि यह सत्र बहुत ही फलदायी होगा.मैं एक बार फिर सभी सम्मानित सांसदों को आमंत्रित करता हूं कि वे इस सत्र को जोश और उत्साह के साथ आगे बढ़ाएं।” उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय हित के मुद्दे उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, “हमने जो समय खोया है, उसकी भरपाई करने का प्रयास करना चाहिए।