PM Modi said: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शुक्रवार को कहा कि भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र उभरते हुए उद्योग के रूप में सामने आया है। पिछले नौ सालों में इसने 50,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ पिछले नौ वर्षों में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये का एफडीआई आया है। यह सरकार की उद्योग समर्थक और किसान समर्थक नीतियों का परिणाम है।’’
तीन दिवसीय कार्यक्रम पांच नवंबर को संपन्न होगा
यह तीन दिवसीय कार्यक्रम पांच नवंबर को संपन्न होगा। मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में प्रसंस्कृत खाद्य का निर्यात 150 प्रतिशत बढ़ा है और घरेलू प्रसंस्करण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने एक लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को प्रारंभिक पूंजी सहायता वितरित की और ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ के तहत एक ‘फूड स्ट्रीट’ का उद्घाटन किया।
मोदी सरकार ने देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की
इस आयोजन का उद्देश्य भारत को ‘दुनिया की खाद्य टोकरी’ के रूप में प्रदर्शित करना और 2023 को मोटे अनाज के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाना है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को भी बढ़ावा दिया है। उन्होंने पिछले नौ वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्यों को रेखांकित किया। गोयल ने कहा कि ‘फूड स्ट्रीट’ में क्षेत्रीय व्यंजन तथा शाही पाक विरासत शामिल है, जिसमें 200 से अधिक शेफ भाग लेंगे और पारंपरिक भारतीय व्यंजन पेश करेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ सरकारी निकायों, उद्योग पेशेवरों, किसानों, उद्यमियों तथा अन्य हितधारकों को चर्चा में शामिल होने, साझेदारी स्थापित करने और कृषि-खाद्य क्षेत्र में निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए एक नेटवर्किंग एवं व्यावसायिक मंच प्रदान करेगा।