भारतीय पैरा शूटर रुबीना फ्रांसिस ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल SH1 में कांस्य पदक जीता। इतिहास रचते हुए रुबीना पिस्टल स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय पैरा-शूटिंग एथलीट बन गई हैं। पैरालिंपिक में यह भारत का 5वां पदक है। जबकि अवनी लेखरा, मोना अग्रवाल और मनीष नरवाल के बाद पैरा-शूटिंग में भारत का यह चौथा पदक था। ईरान की सरेह जावनमर्डी ने 236.8 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि तुर्की की आयसेल ओजगन ने 231.1 के स्कोर के साथ रजत पदक जीता।
फाइनल में रुबीना 10 शॉट्स की पहली सीरीज के बाद तीसरे स्थान पर रहीं। उन्होंने शानदार 10.7 के साथ शुरुआत की, लेकिन जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ी उनका स्कोर गिरता गया। जब एलिमिनेशन शुरू हुआ, तो रुबीना ने फ्रांस की गेल ईडन से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद अपना स्थान बरकरार रखा। 17वें शॉट के बाद रुबीना ने 173.7 के स्कोर के साथ अच्छी बढ़त बना ली। अगली सीरीज में रुबीना ने 9.5 और 9.8 अंक हासिल कर पदक पक्का किया जबकि तुर्की की आयसेगुल पेहलीवनलर चौथे स्थान पर रहीं। चार और शॉट शेष रहने पर रुबीना और ओजगन रजत पदक के लिए कड़ी टक्कर दे रहे थे लेकिन अंततः मध्य प्रदेश की भारतीय निशानेबाज 9.2 और 8.9 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
इससे पहले दिन में रुबीना ने 556/600 अंक हासिल कर क्वालीफिकेशन में सातवां स्थान हासिल किया और फाइनल में जगह बनाई। क्वालीफिकेशन में उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही और उन्होंने 200 में से 180 अंक हासिल किए, लेकिन तीसरी सीरीज में उन्होंने सुधार करते हुए 100 में से 95 अंक हासिल किए। क्वालीफिकेशन के बाकी हिस्सों में उनके अंक काफी हद तक एक जैसे रहे और अंतिम सीरीज में 94 अंक हासिल कर उन्होंने फाइनल में जगह बनाई।