मस्जिदों के बाद अब दरगाहें भी दक्षिण पंथियों के निशाने पर आ गयी हैं, संभल में शाही मस्जिद को बवाल चल ही रहा है कि हिन्दू-मुस्लिम आस्था और भाईचारे की प्रतीक दरगाह अजमेर शरीफ का भी अब सर्वे हो सकता हैं क्योंकि हिन्दू सेना के मुताबिक दरगाह अजमेर शरीफ में शिव मंदिर है जिसे तोड़ दिया गया है। हिन्दू सेना की तरफ इस मामले में दायर याचिका को कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है और मामले से संभंधित लोगों को नोटिस भी जारी कर दी है, इस मामले की सुनवाई 20 दिसंबर तय की गयी है.
याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दायर की थी। उनका कहना है कि यह मामला धार्मिक भावनाओं और सामाजिक सौहार्द से जुड़ा है, जिसके समाधान के लिए कोर्ट का हस्तक्षेप जरूरी है। कोर्ट द्वारा याचिका स्वीकार किए जाने के बाद ये मामला भी गंभीर होने वाला है। इस विवाद ने सामाजिक और धार्मिक स्तर पर व्यापक चर्चा को जन्म दे दिया है। दरगाह के प्रतिनिधियों की ओर से अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इससे पहले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई थी, तब कोर्ट ने 27 नवंबर की तारीख दी थी। विष्णु गुप्ता की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया है कि दरगाह शरीफ में शिव मंदिर है। कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान सबूत के तौर पर एक खास किताब पेश की गई थी। इस किताब का हवाला देकर दावा किया गया था कि दरगाह में हिंदू मंदिर था।
यह किताब अजमेर निवासी हरविलास शारदा ने वर्ष 1911 में लिखी थी। विष्णु गुप्ता ने अपनी याचिका में कहा कि पहले दरगाह की जमीन पर शिव मंदिर था। इस शिव मंदिर में जलाभिषेक होता था। उनके मुताबिक दरगाह परिसर में बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के कुछ हिस्सों का इस्तेमाल किया गया है, इसके अलावा दरगाह के तहखाने में एक गर्भगृह भी है।