अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प की न्यूयॉर्क में उनकी आपराधिक सजा को रोकने की आपातकालीन अपील को यह कहते हुए इंकार कर दिया है कि शुक्रवार को तय प्रोसीडिंग के मुताबिक सजा का एलान किया जायेगा।
न्यूयॉर्क कोर्ट के जज ने घोषणा की थी कि हश मनी मामले में ट्रंप की सजा का ऐलान 10 जनवरी को किया जाएगा। इसके बाद ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट से सजा रोकने की गुहार लगाई थी लेकिन अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार 8 जनवरी को सजा सुनाए जाने से पहले आखिरी वक्त में सुप्रीम कोर्ट से सजा रोकने की अपील की थी।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह इस बात पर विचार करे कि क्या वह अपनी सजा पर स्वत: रोक लगाने के हकदार हैं, लेकिन जज ने अर्जी 5-4 से खारिज कर दी है। हश मनी मामला साल 2016 का मामला है जिसमें ट्रंप पर कथित तौर पर एक एडल्ट स्टार को अपना मुंह बंद रखने के लिए पैसे देने का आरोप है। ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले रिलेशनशिप के बारे में चुप रहने के लिए एडल्ट स्टार को पैसे दिए थे। उन पर एडल्ट स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1 लाख 30 हजार डॉलर देने का आरोप है। हालांकि, ट्रंप ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
इस मामले को देख रहे जज जुआन मर्चेन ने ट्रंप को सजा सुनाने के लिए 10 जनवरी की तारीख तय की है। हालांकि, जज पहले ही संकेत दे चुके हैं कि ट्रंप को जेल की सजा नहीं दी जाएगी साथ ही उन पर जुर्माना या प्रोबेशन भी नहीं लगाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के दो कंज़र्वेटिव जजों – जॉन रॉबर्ट्स और एमी कोनी बैरेट ने तीन लिबरल जजों के साथ मिलकर बहुमत के साथ ट्रंप की सजा रोकने की अपील को खारिज कर दिया। बाकी चार जजों – क्लेरेंस थॉमस, सैमुअल एलिटो, नील गोरसच और ब्रेट कैवनघ – ने ट्रंप की अपील को स्वीकार कर लिया था लेकिन ट्रंप की अपील 5-4 के वोट से खारिज कर दी गई। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले सजा का एलान डोनाल्ड ट्रम्प के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है, हालाँकि डोनाल्ड ट्रम्प इन सब बातों से बेपरवाह पूरी दुनिया पर कब्ज़ा करने के बयान दे रहे हैं, ट्रम्प ग्रीन लैंड पर कब्ज़ा करने की बात कही, कनाडा को अमरीकी राज्य बनाने की बात कही है.