सदन में मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के बीच हुई भीषण बहसबाज़ी और व्यक्तिगत आक्षेपों के बाद सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए नेता विपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह एडवोकेट की सरेआम दिनदहाड़े दुस्साहसिक ढंग से की गई हत्या राज्य में कानून व्यवस्था की पोल खोलती है। क्या यही भाजपा सरकार का रामराज है। भाजपा सरकार ने राज्य में कानून की धज्जियां उड़ा दी हैं। प्रदेश में किसी की भी जिंदगी सुरक्षित नहीं है। पूरे राज्य में अराजकता व्याप्त है।
जीरो टोलेरेंस में ऐसे हो रहे हैं अपराध
सपा नेता ने इससे पहले सदन में कहा कि प्रयागराज में ऐसी घटना फिल्मी अंदाज में घटी। गोली के साथ बम चले। कानून व्यवस्था के बाद स्वास्थ्य सेवाओं का हाल यह है कि जब गोली लगने के बाद पीड़ित अस्पताल पहुंचे तो वहां डाक्टर नदारद थे। क्या रोज हो रहे अपराध जीरो टॉलरेंस के उदाहरण है। 6 साल से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश अपराध मुक्त का दावा करते आ रहे है वे बताएं कि आखिर अपराध कैसे हो रहे हैं? जहां स्थायी डीजीपी ही न हो वहां कानून व्यवस्था कैसे ठीक होगी? यहां कोई निवेश करने क्यों आएगा? मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रहे हैं।
कमिश्नरेट व्यवस्था पर उठाये सवाल
अखिलेश ने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने जबसे कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की है तबसे भाजपा नेताओं के संरक्षण और इशारे पर लूटपाट, हत्या, वसूली की घटनाएं बढ़ गई हैं। बेटियों और महिलाओं का जीवन और सम्मान सुरक्षित नहीं रह गया है। जब भाजपा मंत्री सदन में अपराधों में कमी होने का दावा पेश कर रहे थे तो उसी वक्त उन्नाव में 9वीं कक्षा की छात्रा के साथ गैंगरेप और हत्या जैसी दुःखद घटना घटी।
पुलिस रिस्पांस सिस्टम ध्वस्त
अखिलेश ने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा सरकार ने पुलिस रिस्पांस सिस्टम को ध्वस्त कर दिया है। यूपी डायल 100 को बर्बाद कर दिया है। उत्तर प्रदेश अपराध में नम्बर एक हो गया है। एनसीआरबी का आंकड़ा केन्द्र सरकार जारी करती है। एनसीआरबी के आंकड़े में उत्तर प्रदेश में महिला अपराध, अन्याय, अत्याचार, में अन्य राज्यों से आगे है। भाजपा के सत्ता में रहते जनता को सुरक्षा का एहसास नहीं हो सकता है। इस अन्यायी भाजपा सरकार से जनता त्रस्त आ चुकी है।