बजट के मामले में वित्त मंत्रियों के लिए बाजार को खुश करना मुश्किल होता है। एक विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले 21 मौकों में से 13 मौकों पर बजट पेश किए जाने के बाद शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, निर्मला सीतारमण बजट के दिन बाजार में गिरावट के अभिशाप से बच पाईं, क्योंकि 1 फरवरी को बीएसई सेंसेक्स 5.4 अंक ऊपर बंद हुआ।
वित्त मंत्री ने अपने आठवें बजट में कर छूट सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये करके करदाताओं को राहत प्रदान की। सरकार ने पूंजीगत व्यय की गति को भी बनाए रखा है और लक्ष्य 11.21 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया है, जो वित्त वर्ष 2025 के संशोधित अनुमानों से लगभग 10 प्रतिशत अधिक है। 23 जुलाई, 2024 को सेंसेक्स 73 अंक गिरकर 80,429.04 पर बंद हुआ। फरवरी 2024 में अंतरिम बजट में 106.8 अंकों की गिरावट देखी गई थी। नई सरकार के पहले पूर्ण बजट में आमतौर पर बाजारों में गिरावट देखी जाती है। फरवरी 2020 में निर्मला सीतारमण के पहले बजट में बाजार में 2.5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
प्रणब मुखर्जी सबसे ज़्यादा प्रभावित वित्त मंत्री (वित्त मंत्री) थे, जिनके कार्यकाल में 6 जुलाई, 2009 को सेंसेक्स में 6.14 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
लेकिन मौजूदा वित्त मंत्री का ट्रैक रिकॉर्ड पिछले बजट से बेहतर नहीं है। सीतारमण को अपने आठ में से पांच बजट के बाद बाजार से नकारात्मक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है, जबकि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपने पांच में से चार बजट में निराशा हाथ लगी थी और मुखर्जी ने अपने द्वारा पेश किए गए पांच में से तीन बजट में गिरावट देखी थी।