5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब केवल चार दिन बचे हैं, ऐसे में आम आदमी पार्टी के आठ निवर्तमान विधायक शनिवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। कथित भ्रष्टाचार और वैचारिक भटकाव का हवाला देते हुए उन्होंने आप की प्राथमिक सदस्यता से एक दिन पहले ही इस्तीफा दे दिया था। गौर करने वाली बात यह है कि इस बार इनमें से किसी को भी AAP ने चुनाव टिकट नहीं दिया है।
भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों में वंदना गौर (पालम), रोहित महरौलिया (त्रिलोकपुरी), गिरीश सोनी (मादीपुर), मदन लाल (कस्तूरबा नगर), राजेश ऋषि (उत्तम नगर), बीएस जून (बिजवासन), नरेश यादव (महरौली) और पवन शर्मा (आदर्श नगर) शामिल हैं। आप से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र भेज दिया है, जिसमें सदन की सदस्यता छोड़ने की बात कही गई है।
2020 और 2015 के पिछले दो चुनावों में मतदाताओं ने आप का भारी समर्थन किया था, जिससे उन्हें 70 सदस्यीय विधानसभा में क्रमशः 67 और 62 सीटें मिलीं। आप को इस बार भी यही परिणाम दोहराने की उम्मीद है। आप के पूर्व विधायक विजेंद्र गर्ग और केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के कई अन्य नेता भी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली भाजपा के प्रभारी बैजयंत पांडा और प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की मौजूदगी में भगवा दल में शामिल हुए। विधायकों और नेताओं का भाजपा में स्वागत करते हुए पांडा ने कहा कि यह एक “ऐतिहासिक” दिन है क्योंकि उन्हें “आपदा” से छुटकारा मिल गया है और उम्मीद है कि 5 फरवरी के चुनावों के बाद दिल्ली भी इससे मुक्त हो जाएगी।