Indian medicine भारत से भेजी गई आई ड्रॉप मिथाइल प्रेडनिसोलोन का उपयोग करने पर श्रीलंका में लोगों की आंखों में बैक्टीरिया संक्रमण फैल गया है। भारत की कंपनी ने मार्च 2023 में आईड्रॉप के दो बड़े बैच श्रीलंका को भेजे थे। लेकिन अप्रैल 2023 में श्रीलंका के बड़े अस्पतालों में सैकड़ों लोगों ने दवा लेने के बाद आंखों में संक्रमण की शिकायत दर्ज कराई है।
श्रीलंका के अस्पतालों में मरीजों की आंखों का संक्रमण बढ़ने पर भारत निर्मित दवा की जांच शुरू हो गई है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के सूत्रों ने पुष्टि करते हुए बताया कि आई ड्रॉप गुजरात की फार्मा कंपनी द्वारा श्रीलंका भेजी गई थी। जिसकी जांच की जा रही है।
शिकायत मिली है कि आई ड्रॉप मिथाइल प्रेडनिसोलोन का उपयोग करने के बाद मरीजों में बैक्टीरिया संक्रमण बढ़ रहा है। मार्च 2023 में कंपनी ने आईड्रॉप श्रीलंका निर्यात किए था। श्रीलंका सरकार ने आई ड्रॉप की शिकायत मिलने के बाद दवा पर रोक लगाई है। श्रीलंका स्वास्थ्य विभाग ने इसके खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इस बीच कंपनी ने अपनी दवाओं को वापस मंगा लिया है। लंका सरकार ने 16 मई को पत्र लिखकर भारत से इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की अपील की।
स्वास्थ्य मंत्री ने दी चेतावनी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने चेतावनी देते हुए कहा कि फार्मा उद्योग भारत की साख से जुड़ा है। अगर गुणवत्ता से समझौता किया जाएगा तो यह देश के लिए अच्छा नहीं होगा। ऐसी लापरवाी कभी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
15 दिन में रिपोर्ट की तैयारी। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रीलंका से शिकायती पत्र मिलने के बाद इस पूरे मामले में जांच के निर्देश जारी किए गए हैं। कंपनी की दवा के मौजूदा बैच सील कर दिए हैं। नमूने केंद्रीय प्रयोगशाला भेजे हैं। जहां से 10 से 15 दिन में रिपोर्ट मिलने की संभावना जताई जा रही है।
अंतराष्ट्रीय स्तर पर नौ माह में ये चौथा मामला
अंतराष्ट्रीय स्तर पर दवा की गुणवत्ता खराब का नौ माह में यह चौथा मामला है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। पहले गांबिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत का कारण भारतीय कंपनियों के कफ सीरप को ठहराया था। जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फार्मा क्षेत्र की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे थे। इसी तरह का एक मामला मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेशिया में सामने आया। जिसके बाद अप्रैल 2022 में डब्ल्यूएचओ ने अलर्ट जारी किया।
जनवरी से मार्च 2023 के बीच 174 दवाओं के नमूने फेल
दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सीडीएससीओ की रिपोर्ट बताती है कि भारत में जनवरी 2023 से लेकर मार्च 2023 के बीच चार हजार दवाओं के गुणवत्ता की जांच हुई। जिनमें 174 दवाओं के नमूने फेल हो चुके हैं। इनमें आयरन और मल्टीविटामिन वो दवाएं शामिल हैं जो भारत के बाजारों में सालों से बिक रही हैं।