IT department: आयकर विभाग द्वारा जारी होने वाले रिफंड के समय में गिरावट आई है। विभाग ने 2022-23 में रिटर्न भरने के पहले 30 दिनों में 80 प्रतिशत रिफंड कर दिया था। CBDT अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने दावा किया है कि टेक्नोलॉजी की सहायता से आयकर विभाग आईटीआर को संशोधित करने में तेजी से काम कर रहा है। आयकर विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि अब लोगों को व्यापार करने में काफी आसानी हो।
शिकायतों में आई गिरावट
उन्होंने कहा कि आयकर रिटर्न और आयकर रिफंड जारी करने के प्रणाली में तेजी की है। रिटर्न के प्रोसेस में पहले आमतौर पर 26 दिन लगते थे। अब विभाग ने तेजी दिखाते हुए इसे 16 दिन कर दिया है। उनका कहना है कि आयकर विभाग ने टेक्नोलॉजी का बेहतरीन तरीके से उपयोग किया है। आयकर विभाग ने 28 जुलाई 2022 को 22.94 लाख आईटी रिटर्न प्रोसेस की क्षमता हासिल की है। इसके अलावा सुधार शिकायतों में 0.1 फीसद की गिरावट आई है। सुधार शिकायतें को दूर करने का औसत सिर्फ नौ दिन कर रहा है। आयकर विभाग का कहना है कि हमने रिटर्न भरने के पहले 30 दिनों के भीतर 80 प्रतिशत रिफंड कर दिया था। जो इसके पिछले साल मात्र 60 फीसदी ही रहा था।
आयकर विभाग को 2480 करोड़ रुपए का लाभ
अध्यक्ष ने कहा कि कानूनी गतिविधियों को भी कम करने के लिए विभाग एक अपडेट रिटर्न (आईटीआर-यू) लागू कर रहा है। इस नियम के तहत आम आदमी दो साल तक कभी भी अपना रिटर्न अपडेट करा सकता है। 31 मार्च 2023 तक 24.50 लाख से अधिक अपडेट रिटर्न आए। इससे विभाग ने करीब 2480 करोड़ रुपए ज्यादा शुल्क के रूप में एकत्र किए हैं। 2021 में लाए ई-वेरिफिकेशन स्कीम के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 के सितंबर में योजना लागू की गई थी। इस वर्ष करीब 68 हजार मामलों में ई-वेरिफिकेशन किया है। करदाताओं को अपडेट फाइल करने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है।
60 प्रतिशत शिकायत कम हुई
फेसलेस असेसमेंट स्कीम के बारे में उन्होंने बताया कि आयकर विभाग ने 31 मार्च 2023 तक चार लाख से अधिक फेसलेस असेसमेंट पूरे किए थे। 2021-22 के तुलना में 2022-23 में फेसलेस प्रक्रिया वाली शिकायतों में 60 फीसद की कमी आई है। आयकर विभाग अध्यक्ष के अनुसार, एक लाख से अधिक अपीलों को फेसलेस शासन के माध्यम से निपटाए हैं।