भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 11 दिसंबर को पदभार संभालने के बाद कहा कि केंद्रीय बैंक का नेतृत्व करना ‘सम्मान’ की बात है। अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में मल्होत्रा ने कहा कि इस प्रतिष्ठित संस्थान से संबंधित कोई बयान देने का मेरा कोई इरादा नहीं है। इस प्रतिष्ठित संस्थान का नेतृत्व करना सम्मान की बात है और सम्मान से बढ़कर यह एक बड़ी जिम्मेदारी है। मल्होत्रा ने कहा कि वे RBI की विरासत को कायम रखेंगे और इसे आगे ले जाएंगे।
शक्तिकांत दास से पदभार ग्रहण करने वाले मल्होत्रा ने कहा कि नीति में स्थिरता और निरंतरता बहुत महत्वपूर्ण है। इस संस्थान में विश्वास बनाए रखने के लिए जनहित में निर्णय लिए जाएंगे। मल्होत्रा ने कहा, अन्य संगठनों की तरह हम भी अटके नहीं रह सकते हमें नीतिगत निरंतरता बनाए रखते हुए चुस्त-दुरुस्त रहना होगा। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि केंद्रीय बैंक की सबसे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक बैंकिंग क्षेत्र के साथ वित्तीय समावेशन को फैलाना है।
संजय मल्होत्रा ने कहा, हम वित्तीय समावेशन को अधिक सुलभ और सर्वव्यापी बनाने के लिए लागत कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कैसे कर पाएंगे, यह एक ऐसा स्तंभ है जिस पर हम काम करेंगे। इसके लिए, नवाचार महत्वपूर्ण है और हमें इसके जोखिमों के बारे में सचेत रहना होगा। सभी व्यवसायों, सभी लोगों को दिन-प्रतिदिन की नीति के बजाय इस (नीति) स्थिरता की आवश्यकता है।