New Delhi-Darbhanga Express fire: बुधवार रात नई दिल्ली—दरभंगा एक्सप्रेस में भीषण आग लग गई। आग से दरभंगा एक्सप्रेस के चार कोच जलकर राख हो गया। आग की लपटों में घिरे एस-1, एस-2, एस-3 और दिव्यांग कोच में करीब 300 यात्री सवार थे। खुद को आग से घिरा देख यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रुकवाई। इसके बाद फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियों ने कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
एस-1 कोच में इटावा के पास तेज धमाके के साथ आग
हावड़ा रेल रूट पर नई दिल्ली से दरभंगा जा रही नई दिल्ली दरभंगा एक्सप्रेस के एस-1 कोच में इटावा के पास तेज धमाके के साथ बुधवार रात को आग लग गई। इस दौरान एस-2, एस-3 और दिव्यांग कोच एक-एक कर आग की लपटों में घिर गए। चारों कोच में करीब 300 यात्री सवाार थे।
आग से घिरे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। आननफानन यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोका। सरायभूपत स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही यात्रियों में भगदड़ मच गई। कई रेल यात्रियों ने ट्रेन की खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई। ट्रेन में लगी आग में मची भगदड़ में आठ लोग घायल हो गए।
कोच में सफर कर रहे यात्रियों के बीच भगदड़
नई दिल्ली-दरभंगा क्लोन एक्सप्रेस के एस-1 कोच में कुछ यात्री अपनी सीटों पर बैठे तो कुछ दरवाजे पर खड़े होकर बातें कर रहे थे। इस बीच अचानक तेज धमाके के साथ तेज लपटें उठने लगीं। धमाके की आवाज और लपटें देखकर कोच में सफर कर रहे यात्रियों के बीच भगदड़ मच गई। यात्री अपनी जान बचाने के लिए सीटें छोड़कर भागने लगे।
दिल्ली से गोरखपुर अपने भाई भीम के साथ जा रहे गोविंद कुमार एस-1 कोच में 48 नंबर सीट पर थे। उन्होंने बताया कि चेन पुलिंग होते ही यात्रियों ने कूदना शुरू कर दिया। वह ट्रेन से कूद गए, लेकिन उनका भाई भीड़ में फंस गया। धक्कों के बीच किसी तरह भाई को खींचकर उन्होंने उसको बाहर निकाला। सामान और जूते चप्पल सब वहीं रह गए। बताया जाता है कि एस वन में अचानक 20 से 30 नंबर सीट से आग की लपटें उठनी शुरू हुई थीं। हादसे के समय लगा जैसे किसी पटाखे के कारण आग लगी हो।
सामान से अधिक जरूरी जान
नई दिल्ली से ट्रेन के एस-3 कोच में बैठी निशा देवी ने बताया कि उन्होंने पांच टिकट बुक करवाए थे। कोच में आरक्षण होने के बाद उनको बैठकर यात्रा करनी पड़ रही थी। अचानक से झटके के साथ ट्रेन रुकी और लोग भागते दिखाई दिए। वह भी अपने बच्चों के साथ ट्रेन से उतरीं। उनका सामान उसी में रह गया। उन्होंने लड़खड़ाती जुबान से कहा कि सामान से अधिक जान जरूरी है।
यात्री बबीता ने बताया कि वह एस-4 कोच में यात्रा कर रही थी। नॉन स्टॉप ट्रेन अचानक से रुक गई। जब तक वो कुछ समझते तब तक यात्री ट्रेन से कूदने लगे। उन्होंने अपना सामान छोड़कर जान बचाई।
ट्रेन हादसे में घायल अधिकांश बिहार के दरभंगा के यात्री
ट्रेन में अधिकतर यात्री बिहार प्रांत के दरभंगा जिले के हैं। हादसे में दयानंद पुत्र हरदेव मंडल नंद निवासी ग्राम शंकर लोहार जिला दरभंगा, रौनक राज पुत्र दयानंद मंडल निवासी ग्राम शंकर लोहार जिला दरभंगा, मनोज चोपाल पुत्र राम चोपाल निवासी बेनीपुर जिला दरभंगा, हरेंद्र यादव पुत्र रामविलास ग्राम उसमामठ थाना पतोंर जिला दरभंगा, टिल्लू मुखिया पुत्र कारी मुखिया ग्राम गुसवा थाना अलीनगर जनपद दरभंगा, कंचन देवी पत्नी दयानंद, कंचन की सास सुनीता देवी पत्नी मोहनलाल (65) घायल हैं।