एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और राम लला के प्राण प्रतिष्ठा की ज़ोरदार तैयारियां चल रही हैं तो दूसरी ओर राजनीतिक नेताओं द्वारा विवादित बयानों का दौर भी जारी है. अभी कर्नाटक में एक मंत्री द्वारा राम को लेकर विवाद खड़ा किया गया था और अब महाराष्ट्र में एनसीपी शरद पवार गुट के एक नेता ने भगवान् राम को मांसाहारी बताकर बवाल खड़ा कर दिया है. एनसीपी नेता डॉ. जितेंद्र आव्हाड के इस बायण पर भाजपा भड़क उठी है और कहा कि आज अगर बालासाहब ठाकरे ज़िंदा होते तो उनकी खैर नहीं थी।
दरअसल एनसीपी नेता डॉ. जितेंद्र आव्हाड का ये बयान तब आया जब श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन कई राज्यों में शराब और मांस की ब्रिकी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है। भाजपा नेता राम कदम ने भी महाराष्ट्र सरकार से एक दिन के लिए शराब और मांस की बिक्री पर रोक लगाने की अपील की है जिसके बाद डॉ. जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि भगवान राम मांसाहारी थे। डॉ. जितेंद्र आव्हाड ने बुधवार को महाराष्ट्र के शिरडी में एक कार्यक्रम में कहा कि श्रीराम शाकाहारी नहीं, मांसाहारी थे। उन्होंने कहा कि कैसे कोई व्यक्ति 14 सालों तक जंगल में बिना शिकार किए रहकर रह सकता है? श्रीराम भी जंगल में शिकार करते थे और हम भी उन्हीं के आदर्शों पर चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस सरकार में लोगों को जबरदस्ती शाकाहारी बनाया जा रहा है।
डॉ. जितेंद्र आव्हाड के इस विवादित बयान पर भाजपा नेता राम कदम ने कहा कि अगर आज बालासाहेब ठाकरे ज़िंदा होते तो उनपर तीखा हमला करते, ‘सामना’ में उनके खिलाफ ज़ोरदार लेख होता, लेकिन उद्धव ठाकरे को कोई फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन जब चुनाव का समय आएगा तब वो हिंदुत्व की बात करेंगे। भाजपा नेता ने उद्धव पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें न तो हिंदुओं से कोई मतलब है , न ही मराठियों से. उन्हें तो सिर्फ वोट की ओछी राजनीति करनी हैं।