आज मंगलवार को सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा दिखाई दिया। देश में सूर्य ग्रहण शाम 4ः29 मिनट से शुरू होकर 6ः09 मिनट तक चला। ग्रहण की समाप्ति के बाद मंदिरों के कपाट खोल दिए गए। इस बार करीब 27 साल बाद ऐसा हुआ है कि दिवाली के दूसरे दिन ही सूर्य ग्रहण लगा। इससे पहले यह अदभुद खगोलीय घटना 24 अक्टूबर 1995 को दीपावली के दूसरे दिन हुई थी। आज लगने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक था। ग्रहण के कारण इस बार गोवर्धन पूजा आज की स्थान पर कल 26 अक्टूबर बुधवार केा की जाएगी। ग्रहण के चलते ही भैया दूज का पर्व परसों 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
पिछले 16 घंटे से अधिक से मेरठ और देशभर में मंदिरों के कपाट ग्रहण के सूतक काल के चलते बंद थे। इसके चलते मंदिरों में पूजा-पाठ और प्रतिदिन की आरती भी नहीं हुई। लेकिन शाम को छह बजे के बाद जैसे ही ग्रहण समाप्त हुआ। मंदिरों के कपाट खोल दिए गए। इस दौरान मंदिरों में साफ सफाई इत्यादी की गई। आज मंगलवार के चलते मंदिरों में भयंकर भीड़ जुटी। हनुमान के मंदिरों में साढे़ छह बजे के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हुई। मंदिरों में सात बजे के बाद आरती इत्यादी की गई।
मेरठ के गढ़ गंगा में भी लोगों ने ग्रहण के दौरान गंगा स्नान किया। सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद लोगोसं ने दान-पुण्य भी किया। सूर्य ग्रहण की समाप्ति पर लोगों ने गरीबों को अपनी श्रद्धा के अनुसार दक्षिणा दान की। सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद लोगों ने स्नान कर गोमुखी व मंदिर में बिछा आसन इत्यादी भी धो दिया। श्रद्धालुओं ने सूर्य ग्रहण के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव किया। ग्रहण के बाद गरीबों में अनाज से लेकर कपड़ों का मंदिर में दान किया गया। कुछ लोगों ने अपनी राशि के अनुसार दान की वस्तुए दी।