दिल्ली पुलिस ने राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस से पहले आतंकी साजिश का भंडाफोड़ किया है। दरअसल जहांगीरपुरी इलाके से पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए दो आतंकी गिरफ्तार किये गए थे. पुलिस के अनुसार गिरफ्तार दोनों आतंकी विभिन्न राज्यों में टारगेट किलिंग को अंजाम देने देने वाले थे। पुलिस को घटनाक्रम के मॉड्यूल में 8 लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है और इस समय देश में छुपे चार संदिग्धों की तलाश की जा रही है।
ड्रॉप-डेड मैथर्ड के जरिए मिले थे हथियार
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक संदिग्धों को हथियार ड्रॉप-डेड मैथर्ड के जरिए मिले जो पाकिस्तान से भेजे गए। यह संदिग्ध सोशल मीडिया ऐप के जरिए पाकिस्तान में मौजूद अपने आकाओं के संपर्क में थे। जानकारी के मुताबिक पुलिस को उत्तराखंड में किसी अज्ञात स्थान पर हथियार मिले हैं, हालाँकि अभी इसकी पुष्टि नहीं की गयी है. पुलिस के मुताबिक 27 जनवरी और 31 जनवरी को गिरफ्तार दोनों आतंकियों को दक्षिणपंथी नेताओं की हत्या को अंजाम देने का काम सौंपा गया था। इन आतंकियों को जहांगीरपुरी के भलस्वा डेयरी इलाके में गिरफ्तार किया गया था, उनके घरों से दो हैंड ग्रेनेड के अलावा तीन पिस्तौल और 22 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।
हर हत्या पर मिलते 50 लाख रूपये
इन दोनों आतंकियों की पहचान जगजीत सिंह और नौशाद के रूप में हुई है। उन्हें शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया जहाँ उन्हें 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पंजाब और दिल्ली के तीन दक्षिणपंथी नेता उनकी हिट लिस्ट में थे। अपना काम अंजाम देने के लिए उन्होंने तारीख और समय भी निर्धारित कर लिया था। आतंकियों को पहला टारगेट पूरा करने पर 50 लाख रुपये और दूसरे पर 1 करोड़ रुपये यानि हर एक टारगेट किलिंग पर 50 लाख रूपये मिलने थे जिसमें से 5 लाख रूपये हवाला के ज़रिये बतौर एडवांस उन्हें मिल चुके थे. पुलिस के मुताबिक जगजीत सिंह के सम्बन्ध खालिस्तानी आतंकवादी अर्शदीप दल्ला से हैं। वहीं नौशाद आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार से भी जुड़ा हुआ है.