चंडीगढ़। अमृतपाल सिंह को सितंबर 2022 में वारिस पंजाब दे संस्था का प्रमुख नियुक्त किया गया था। जबकि वह मार्च महीने से ही खुद को संगठन का प्रमुख घोषित कर चुका था। इसके बाद उसने इसी आधार पर ऑनलाइन मेंबरशिप अभियान शुरू किया था।
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के पक्ष और पंजाब के खिलाफ छह देशों में बैठे कट्टरपंथी कई साल से साजिश रच रहे हैं। अमृतपाल सिंह भी इसी साजिश का एक हिस्सा है। यह सारी रणनीति पाकिस्तान से होते हुए कनाडा, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया में बैठे नौ प्रतिबंधित संगठनों के लोग रच रहे हैं।
उनकी कोशिश यही है कि किसी तरीके से पंजाब की शांति को भंग किया जाए। सुरक्षा एजेंसियों के पास इस संबंधी पुख्ता सबूत मिले हैं। इतना ही नहीं पंजाब पुलिस भी इस चीज को लेकर डोजियर बना रही है। इसे आने वाले दिनों में केंद्र सरकार को भेजा जाएगा ताकि जब इंटरनेशनल स्तर पर भारत इस मुद्दे को उठाए तो इनकी पोल खोली जा सके ।
सुरक्षा एजेंसियों की छानबीन में यह साफ हुआ है कि नौ ग्रुपों में से तीन सीधे पाकिस्तान से सक्रिय हैं। इसमें खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल व खालिस्तान कमांडो फोर्स शामिल है। इसके अलावा हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तान, खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स कनाडा व केजीडीएफ नाम से जर्मनी से बैठकर संस्था चला रहे हैं जबकि यूकेए इटली और फ्रांस में भी कुछ लोग बैठे हैं। इनका मुख्य मकसद भारत में अशांति फैलाना है।
उनको हर समय ऐसे युवाओं की तलाश रहती है। जिनका ब्रेन वॉश कर अपने लिए प्रयोग किया जा सके। इतना ही नहीं यूके, ऑस्ट्रेलिया और अन्य जगहों पर हो रहे खालिस्तान समर्थकों के प्रदर्शन भी इसी चीज का हिस्सा है। एक बात यह भी सामने आई है कि कोरोना काल से पहले भी कुछ लोग विदेश गए थे। अब वह उन्हीं देशों में सेटल हो गए हैं। वह वहीं से अपनी गतिविधियां चला रहे हैं।
अमृतपाल संभाल रहा था बागडोर
अमृतपाल सिंह को सितंबर 2022 में वारिस पंजाब दे संस्था का प्रमुख नियुक्त किया गया थाए जबकि वह मार्च महीने से ही खुद को संगठन का प्रमुख घोषित कर चुका था। इसके बाद उसने इसी आधार पर ऑनलाइन मेंबरशिप अभियान शुरू किया था। इसमें एक स्पेशल व्हाट्सएप नंबर भी था जिनके माध्यम से वह अन्य लोगों से जुड़ता था। इसी नंबर के माध्यम से वह इससे जुड़ा साहित्य तक भेजता था।
वारिस पंजाब दे पर प्रतिबंध की तैयारी
खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों पर शिकंजा कसने के बाद अब उसके संगठन पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। सरकार किसी भी समय इस पर प्रतिबंध लगा कर इसे गैर कानूनी घोषित कर सकती है। इसके लिए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने पंजाब पुलिस और खुफिया विभाग से रिपोर्ट मांग ली है।