Parliament Special Session: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज संसद के विशेष सत्र की शुरुआत के पहले ऐतिहासिक निर्णय लेने की बात कहने के बाद चर्चा तेज हो गई है। विपक्ष और देश की जनता की निगाह कल पीएम मोदी के ऐतिहासिक फैसले पर टिकी है। पूरा देश इस बात को जानने को उत्सुक है कि आखिर सरकार कौन सा ऐतिहासिक विधेयक सामने ला सकती है। जिससे देश की तस्वीर बदलेगी। वह क्या यह महिला आरक्षण विधेयक हो सकता है या सरकार समान नागरिक संहिता पर अगला कदम आगे ला रही है।
राजनीतिक गलियारों में कोई उत्सुकता नहीं दिखी
संसद के विशेष सत्र के लिए सरकार ने अब तक जिन एजेंडों को सार्वजनिक किया था। उनको लेकर राजनीतिक गलियारों में कोई उत्सुकता नहीं दिखी है। विपक्ष को संदेह था कि डाक विधेयक और प्रेस और पत्र-पत्रिका विधेयक जैसे मुद्दे इतने महत्त्वपूर्ण नहीं हैं। जिसके लिए सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए। विपक्ष को लगता है कि Government अपने किसी hidden agenda को लेकर आ सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष सत्र की शुरुआत के पहले मीडिया को किए संबोधन में ऐतिहासिक निर्णय लेने की बात कही है। जिससे यह चर्चा और तेज हो गई है कि आखिर सरकार कौन से ऐतिहासिक विधेयक सामने लाने की तैयारी में है। जिससे देश की तस्वीर बदलेगी।
किसलिए चाहिए बड़ा मुद्दा?
दरअसल, संसद के विशेष सत्र को सरकार के लिए 2024 का चुनाव जीतने के लिए किसी बड़े एजेंडे को लाने के अंतिम अवसर के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार विशेष सत्र में किसी बड़े कदम की घोषणा कर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर सकती है।
चूंकि, नई संसद की शुरुआत गणेश चतुर्थी के अवसर पर कल हो रही है। अपने आप में यह हिंदू मतदाता को अपने पक्ष में लाने की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इस अवसर पर गणेश पूजा की जाएगी। इससे लोगों में सकारात्मक संदेश जाने की बात कही जा रही है।
पीएम ने खींची बड़ी लकीर
वरिष्ठ राजनीतिकों का कहना है कि विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हमेशा इस बात के लिए आलोचना करता आया है कि वे दूसरी सरकारों या दूसरे दलों के नेताओं को उचित महत्त्व नहीं देते। वे केवल अपनी बात ही कहते हैं। केवल अपनी पार्टी के कार्यकाल को बेहतर मानते हैं। लेकिन संसद के विशेष सत्र की शुरुआत में दिए पीएम मोदी के संबोधन ने विपक्ष को ऐसी आलोचना करने का अवसर नहीं दिया। उन्होंने कहा कि देश की विकास यात्रा में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर सरदार मनमोहन सिंह तक का योगदान था।
लोकसभा स्पीकर के रूप में अब तक काम कर चुके सभी सदस्यों को धन्यवाद
उन्होंने लोकसभा के स्पीकर के रूप में अब तक काम कर चुके सभी सदस्यों के साथ ही संसद में काम करने वाले श्रमिकों तक को धन्यवाद दिया। जिनके योगदान के कारण देश इस महान यात्रा को संभव कर सका। संसद भवन के निर्माण की परिकल्पना विदेशियों के द्वारा किए जाने, इसके निर्माण में देश का परिश्रम-पसीना और पैसा लगने से लेकर संसद पर हमलों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि संसद में हुई बहसों ने इस स्थान (पुरानी संसद) को तीर्थ स्थल में परिवर्तित कर दिया है। पीएम मोदी की ये बातें संसदीय परंपरा और लोकतंत्र के प्रति उनकी आस्था को दिखाती हैं।
महिला आरक्षण पर कर सकते हैं ऐतिहासिक निर्णय
नई संसद में सदस्यों के बैठने के लिए अधिक स्थान बनाया गया है। यह एक इशारा है कि सीटों को बढ़ाकर सदस्यों की भागीदारी बढ़ाई जा सकती है। यदि ऐसा हुआ तो प्रधानमंत्री अपने विशेष समर्थक वर्ग महिलाओं को अपने पाले में और अधिक मजबूती के साथ लाने के लिए बड़ा काम करेंगे। यह कदम 2024 के चुनाव में निर्णायक साबित हो सकता है।