Nipah Vaius: केरल इन दिनों गंभीर और जानलेवा निपाह वायरस की चपेट में है। संक्रमण के कारण दो लोगों की मौत हो चुकी है। छह लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। केरल का कोझिकोड जिला संक्रमण की चपेट में है। इसके अलावा 30 शहरों में जोखिमों को लेकर अलर्ट जारी है। केरल में संक्रमण के खतरे को देखते हुए आसपास के राज्यों को सतर्क किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना की तुलना में निपाह संक्रमण और जोखिमों को बढ़ाने वाला है। इसका मृत्युदर अधिक है। जो फिलहाल चिंता का विषय है।
तीन दिनों में संक्रमण के नए मामले की पुष्टि नहीं
संक्रमण के ताजा हालात की बात करें तो स्थिति फिलहाल बेकाबू दिख रही है। पिछले तीन दिनों में संक्रमण के नए मामले की पुष्टि नहीं हुई। 71 सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे गए थे। जिसमें सभी निगेटिव पाए गए हैं। इसके अलावा 200 से अधिक हाई रिस्क वालों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है सभी लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए प्रयास करना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने स्थिति नियंत्रण में बताई?
राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई है। 9 वर्षीय संक्रमित की हालात में सुधार हो रहा है। उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। सभी चारों संक्रमितों की स्थिति में सुधार है। संक्रमितों के कॉन्टैक्ट लिस्ट वाले 1,233 लोगों में से 352 उच्च जोखिम में हैं। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति को और बेहतर तरीक से नियंत्रित करने में सफल होंगे।
ऐसे लक्षण पर बरतें सावधानी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना हैं कि निपाह के जोखिमों को लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की जरूरत है। इसके लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान दें। संक्रमितों को शुरुआत में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। निपाह वायरस मुख्य रूप से फेफड़ों और मस्तिष्क पर सीधा अटैक करता है। इसके लक्षणों में खांसी और गले में खराश से लेकर तेजी से सांस लेने, बुखार-मितली और उल्टी जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं। गंभीर मामलों में, इन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) हो सकती है। जिससे कोमा और मृत्यु के खतरे को बढ़ाने वाली मानी जाती है।
इन उम्र वाले लोगों में खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि जानलेवा संक्रमण का खतरा किसी को हो सकता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी में इसके जोखिम हैं। संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने वाले किसी व्यक्ति को बीमारी हो सकती है। जिन लोगों की रोग प्रतिरक्षा कमजोर है उनमें रोग के कारण गंभीर समस्याओं के विकसित होने का जोखिम अन्य लोगों की तुलना में अधिक है। ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
संक्रमण से कैसे मिलेगी सुरक्षा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना हैं कि निपाह संक्रमण से बचाव के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा संक्रमण से बचाव के लिए कोई दवा नहीं है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपायों का पालन करने की सलाह देते हैं। निवारक उपायों में सावधानियां बरतने के साथ ही हाथ की स्वच्छता का ध्यान रखकर जोखिमों को कम किए जाने की संभावना अधिक है।