नई दिल्ली। साल की शुरुआत से सर्दी अपने तेवर दिखा रही है। बीते 10 दिन तक पारा लगातार न्यूनतम स्तर पर बना है। एनसीआर वालों ने दस सालों में इन दस दिनों में सबसे अधिक शीत लहर देखी है। आलम यह है कि शिमला, मसूरी पहाड़ी इलाकों से अधिक ठंडे मैदानी इलाके हो रहे हैं। न्यूनतम तापमान दिल्ली-एनसीआर का कम रिकॉर्ड किया जा रहा है।
मौसम विशेषज्ञ की मानें तो पहाड़ों से आने वाली सर्द हवाओं ने मैदानी इलाकों में सर्दी ज्यादा की है। पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर रहने से और सर्दी के हालात ज्यादा गंभीर बन रहे हैं। मौसम विभाग उपमहानिदेशक कुलदीप कहते हैं कि इस मौसम में जो पश्चिमी विक्षोभ आए हैं, वह काफी कमजोर रहे हैं।
इससे नवंबर के बाद से बारिश नहीं हुई है। वहीं, पहाड़ों से उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाएं आ रही हैं। पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव कम होने से मौसम में उतार-चढ़ाव नहीं आए और सर्दी बढ़ती चली गई। बादल भी उस तरह से नहीं हैं।
ठंड के मौसम और घने कोहरे के कारण शीत लहर का असर देखने को मिला है। दूसरी तरफ मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष के मुताबिक पहाड़ों का मौसम साफ है वहां धूप चटक रही है। जबकि कंक्रीट से ढंके शहरों में नमी के कारण सुबह हल्की धुंध छा जाती है।
दिन होते-होते धुंध 100-300 मीटर ऊपर उठकर बादल बन रही है। ऐसे में जमीन पर तापमान कम रहता है और धूल कण नमी बनाए रखते हैं। आसमान में फैले ये हल्के बादल सूरज की धूप को भी धरती तक आने से रोकते हैं।