हरिद्वार- समवेत शिखर के बाद उत्तराखंड में भी ठीक-ठाक जनों को पर्यटक स्थल ना बनाए जाने की मांग उठने लगी है जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव को इसकी एक वजह माना जा रहा है. ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल बनाए जाने का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ और हमारे ज्योतिष मठ को क्यों पर्यटक स्थल बनाया जा रहा है.
यह देवभूमि है और यहां पर धर्म की पूजा होती है. उन्होंने धार्मिक स्थलों को पर्यटक स्थल नहीं बनाए जाने की मांग की है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि पर्यटक और तीर्थाटन करने वालों की मानसिकता में बहुत बड़ा अंतर होता है.

हमेशा अपनों के साथ खड़ा है ज्योतिष पीठ
जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव को लेकर संतो के माथे पर भी चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी है. ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जोशीमठ के हालातों पर चिंता जताते हुए कहा कि जोशीमठ में जो भी हालात हैं वह चिंता का विषय है. उन्होंने इस ऐतिहासिक नगर को बचाने की अपील करते हुए कहा कि घटना के कारणों का जानना जरूरी है. उन्होंने कहा कि वह जोशीमठ में यह प्रवास करेंगे
और मुसीबत की इस घड़ी में अपनों के साथ खड़े रहेंगे. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि स्वयं ज्योर्तिमठ में बहुत सी दीवारों में दरारे आ गई है और जमीन भी अपनी जगह छोड़ रही है इतना ही नहीं नरसिंह भगवान के मंदिर जहां पर 6 महीने भगवान बद्रीनाथ की पूजा होती है वहां पर भी दीवारों में दरारे आने लग गई हैं.