भारत की मोदी सरकार ने ईरान के उस दावे को ख़ारिज किया है कि जिसमें उसने भारत के साथ विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन के बैठक में पैग़म्बर मोहम्मद विवाद के मुद्दे पर चर्चा की बात कही गयी। बता दें कि ईरान के हवाले से मीडिया में यह बात कही जा रही है कि भारत और ईरान के विदेश मंत्रियों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा की गयी और भारत के NSA अजित डोभाल ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया है।
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बता दें की ईरान के विदेश मंत्री भारत के दौरे पर है और उनकी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद और NSA अजित डोभाल से मुलाकात हुई। ईरानी मीडिया का कहना है कि ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने भारत के विदेश मंत्री और राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार के साथ मीटिंग में पैग़म्बरे इस्लाम के अपमान का मुद्दा उठाया और भारत ने उसपर सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई ही।
मीडिया में इस खबर के आने के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस तरह के दावे को ख़ारिज किया है और कहा है कि मेरे हिसाब से इस मुद्दे को दोनों देशों के बीच बातचीत में नहीं उठाया गया है। बागची ने दोहराया कि सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है पैग़म्बरे इस्लाम से सम्बंधित ट्वीट्स और टिप्पणियां सरकार के विचारों को नहीं दर्शाती हैं और जिन लोगों ने इस तरह की टिप्पणी या ट्ववीट किये हैं उनके खिलाफ सम्बंधित पक्ष ने कार्रवाई भी की है।
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बता दें की भारत दौरे आये ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन की भारतीय विदेशमंत्री जयशंकर प्रसाद से मुलाक़ात के दौरान, नागरिक और व्यावसायिक मामलों में परस्पर सहयोग के संबंध में एक MoU भी हस्ताक्षरित हुआ है। ईरानी विदेश मंत्री की मुलाक़ात में चाबहार बंदरगाह, अंतरराष्ट्रीय नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के साथ-साथ व्यापार और निवेश जैसे मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान हुआ।