नई दिल्ली। देश में इन्फ्लुएंजा वायरस H3N2 से पहली मौत का मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक में एक व्यक्ति की इस वायरस से मौत हुई है।
गौरतलब है कि देश में इस समय H3N2 वायरस, जिसे हॉन्गकॉन्ग फ्लू कहते हैं, बुरी तरह से फैला हुआ है। अभी तक इसके 90 केसों की सरकारिक पुष्टि हो चुकी है। जबकि स्थिति इसके ठीक विपरीत है और आंकड़ा जारी किए डेटा से कई हजार गुना है।
इस समय देश का हर शहर इस वायरस की चपेट में है। इसके अलावा H1N1 वायरस के आठ केस दर्ज हुए हैं। इस तरह के मामलों के देश में बढ़ने पर डॉक्टरों ने बयान जारी किए हैं। इससे संक्रमित लोगों में बुखार, सर्दी, कफ, सांस लेने में समस्या देखी गई है। इसके अलावा उन्हें बदनदर्द, गले में खराश और डायरिया की भी शिकायत हो रही है। इसका लक्षण एक हफ्ते तक रहते हैं।
इन्फ्लुएंजा-ए वायरस के H3N2 स्ट्रेन से संक्रमित
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जो मरीज इन्फ्लुएंजा-ए वायरस के H3N2 स्ट्रेन से संक्रमित हैं। ऐसे मरीजों को 2-3 दिनों तक तेज बुखार बना रहता है। शरीर में दर्द, सिरदर्द, गले में जलन इसके अलावा मरीज में लगातार दो हफ्ते तक खांसी होती है। ये फ्लू के सामान्य लक्षणों में गिने जाते हैं।
H3N2 वायरस हर साल इस दौरान म्यूटेशन करता है और बूंदों के माध्यम से फैलता है। लेकिन यह चिंता का कारण नहीं है अस्पताल में भर्ती होने के मामलों की संख्या में अब वृद्धि नहीं देखी जा रही है।
हालांकि फिर भी लोगों को त्योहारी मौसम में सतर्क रहने की जरूरत है। लोगों को होली मनानी चाहिए, लेकिन उन बुजुर्गों को खास तौर पर सावधान रहना चाहिए, जिन्हें पुरानी सांस की बीमारियां, हृदय की समस्याएं, किडनी की समस्या या डायलिसिस जैसी गंभीर बीमारियां हैं। उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि ऐसी जगहों पर ही वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक होता है।