बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, ताज़ा जानकारी के मुताबिक अबतक 70 लोगों की मौत हो चुकी है. यह आंकड़ा इसलिए और भी बढ़ रहा है क्योंकि बहुत से लोग चोरी छिपे प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं जहाँ उनकी मौतें हो रही हैं. पहले मामले सिर्फ इसुआपुर के थे अब इसमें मशरख, मढ़ौरा, तरैया, अमनौर और बनियापुर के लोग भी जुड़ने लगे हैं. इन गांवों के लोग भी शराब पार्टी में शामिल हुए थे.
समय पर इलाज न होने से बढ़ी मृतकों की संख्या
कहा जा रहा है कि मौतों की संख्या कम हो सकती थी अगर लोगों का समय पर समुचित इलाज होता। लेकिन क्योंकि प्रदेश में शराबबंदी का कानून लागू है इसलिए कानूनी कार्रवाई के डर से बहुत से लोग आसपास के छोटे अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचे जहां पर इलाज की सही सुविधाएँ और अच्छे डॉक्टरों की कमी थी. पुलिस ने जितने भी लोगों को अस्पताल पहुँचाया उसमें काफी लोगों को बचा लिया गया लेकिन जिन लोगों ने पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए अपने को छुपाया उनमें काफी लोगों की मौत हुई है, यही वजह है कि पहले दिन सात लोगों की मौत से शुरू हुआ आंकड़ा आज 70 पहुँच चूका है.
झोला छाप डॉक्टरों ने बिगड़े हालात
इन झोला छाप डॉक्टरों ने पहले तो ज़हरीली शराब पीने से बीमार पड़ने वालों को भर्ती कर लिया लेकिन जब मामला हाथ से निकलता लगा तो हाथ खड़े कर दिए ऐसे में किसी बड़े अस्पताल ले जाने का कोई फायदा नहीं हुआ. यह सभी मरीज़ बाद में छपरा के सदर अस्पताल में भर्ती कराये गए लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. पुलिस अभी ऐसे झोला छाप अस्पतालों में तलाशी अभियान चला रही है जहाँ ज़हरीली शराब पीने वाले भर्ती हो सकते हैं.