रायपुर। 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बड़े बदलाव होंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिल्ली दौरे के बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बदलाव के कयास तेज हो गए हैं।
वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के स्थान पर इस बाद किसी नए आदिवासी चेहरे को अध्यक्ष बनाने पर विचार किया जा रहा है। नए प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत और सांसद दीपक बैज का नाम आगे है।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली में की पार्टी अध्यक्ष खरगे से मुलाकात
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की थी। इसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में बदलावों को लेकर चर्चा हुई। राजधानी रायपुर लौटते के बाद सीएम ने कहा कि अध्यक्ष चुनाव के बाद सभी कमेटी खत्म हो गई है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। जिसमें हम लोग को विशेष आमंत्रित किया गया हैं। कांग्रेस महाधिवेशन में चुनाव होना था। लेकिन सभी सदस्यों ने अधिकार अध्यक्ष को दे दिए है। अब सीडब्ल्यूसी के सदस्यों का चयन होना है। इसमें सभी वर्गों को महत्व दिया जाएगा। दिल्ली के बाद प्रदेश में पार्टी संगठन में बदलाव शुरू होगा। इस पर विस्तार से चर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष से हुई है।
प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में आगे दो नाम
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के इस समय दो विकल्प हैं। इनमें आदिवासी बाहुल्य बस्तर को प्राथमिकता में रखें या फिर सरगुजा को। प्रदेश में कांग्रेस की वर्तमान गुटीय राजनीति को ध्यान में रखते हुए अमरजीत भगत इस समय पहली पसंद बने हुए हैं। जबकि दूसरे स्थान पर बस्तर का प्रतिनिधित्व बनाए रखने के लिए दीपक बैज का नाम चल रहा है।
छत्तीसगढ में हैं 29 सीटें आदिवासी बाहुल्य
प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जातीय समीकरण के हिसाब से आदिवासी को प्राथमिकता देनी होगी। प्रदेश में 29 सीटें आदिवासी बहुल्य हैं।
आदिवासी चेहरे को सामने कर जातीय संतुलन बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ओबीसी वर्ग से आते हैं। वे प्रदेश की लगभग 48 फीसदी आबादी का वे प्रतिनिधित्व करते हैं। आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी ओबीसी के साथ साथ आदिवासी वोट बैंक पर भी अपना पैठ बना सकेगी।