2000 rupee note: 2000 रुपए के नोटों को बैंकों में जमा करने का काम तेजी पर है। लोग प्रतिदिन बैंकों में 2000 रुपए का नोट जमा कराने पहुंच रहे हैं। अभी तक देश के बैंकों में करीब 40 प्रतिशत 2000 रुपए के नोट जमा हो चुके हैं। बताया जाता है कि 2000 रुपए के सबसे अधिक नोट जमा करने वाले राज्यों में पहले नंबर पर गुजरात और दूसरे नंबर पर पंजाब है। जबकि तीसरे नंबर पर दिल्ली है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 23 मई को 2000 रुपए के नोटों को बाजार से वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। ये प्रक्रिया अब रफ्तार पकड़ रही है। आरबीआई सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 2000 रुपए के 40 प्रतिशत नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं।
31 मार्च, 2023 तक 2000 रुपए के 18,111 लाख नोट बाजार में थे। जो नोट के चलन के मात्रा में कुल नोटों का करीब 1.3 प्रतिशत हैं।
2018 में बंद हुई थी 2000 के नोटों की छपाई
आरबीआई के मुताबिक 2000 रुपए के नोटों की छपाई 2018-19 में छपाई बंद कर दी थी। बाजारू चलन में मौजूद 2000 के नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च, 2018 को 6.73 लाख करोड़ रुपए (चलन में 37.3 प्रतिशत नोट) के अधिक स्तर से घटकर 31 मार्च, 2023 को 3.62 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर आ गया था। यानी 2000 रुपए के नोट चलन का महज 10.8 प्रतिशत ही रह गए थे।
सूत्रों के मुताबिक 2000 रुपए के लौटाए नोटों में करीब 80 प्रतिशत नोट खाते में जमा करा दिए गए हैं। जबकि बाकी बदले जा रहे हैं। पिछले महीने एसबीआई चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा था कि बैंक को 17,000 करोड़ रुपए के 2000 रुपए के नोट मिले थे। जिसमें से 14,000 करोड़ रुपए मूल्य के 2000 के नोट जमा करा दिए गए हैं।
बैंकों में नहीं बढ़ रही खास भीड़
2000 रुपए के नोट वापस करने की गति बढ़ने के बाद भी बैंकों में कोई खास भीड़ नहीं दिख रही है। 2016 में नोटबंदी के दौरान 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट बदलने के लिए बैंकों में लंबी लाइनें लगी थीं।
सूत्रों के मुताबिक इस बार 2000 रुपए के नोटों की संख्या काफी कम है। 2016 में नोटबंदी के दौरान बाजार में चलन के दौरान मौजूद 87 प्रतिशत नोटों को वापस लिया गया था। इस बार चलन में मौजूद मात्र 10.8 प्रतिशत नोटों को वापस लिया गया है।’
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि RBI विश्लेषण के अनुसार पूरी प्रक्रिया में किसी प्रकार की परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग बैंक शाखाओं में भीड़ नहीं लगा रहे हैं। उन्हें नोट जमा करने या बदलने के लिए चार महीने का समय दिया है। जो कि पर्याप्त है।