नई दिल्ली। एमपी के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आई मादा चीता सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया है। मादा चीता और चारों नन्हें शावक बिल्कुल स्वस्थ हैं। विशेष टीम चारों शावकों और मादा चीता का पूरा ध्यान रख रही है। देश में 1952 में चीते विलुप्त हो गए थे। करीब 70 साल बाद देश में चीते जन्मे हैं।
नए मेहमानों के जन्म पर प्रसन्नता
चीता संरक्षण परियोजना में शामिल अधिकारियों ने नए मेहमानों के जन्म पर प्रसन्नता व्यक्त की है। शावकों का जन्म अच्छा संकेत है कि कूनो नेशनल पार्क में चीते अपने नए वातावरण में अच्छी तरह से ढल रहे हैं। पार्क को वन्यजीव आबादी में चीतों के पुनः प्रवेश के लिए एक उपयुक्त आवास के रूप में तैयार किया है।
एमपी के श्योपुर में कूनो नेशनल पार्क में छोडे़ थे चीते
बता दें, पीएम मोदी ने अपने 72वें जन्मदिवस के मौके पर मप्र के श्योपुर जिले में कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए आठ चीतों को छोड़ा था। जिनमें पांच नर और तीन मादा चीता शामिल थीं। हाल में एक मादा चीता साशा की इन्फेंक्शन के चलते मौत हो गई थी।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने दी बधाई
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि नामीबिया से भारत लाए गए चीतों में एक मादा चीता ने चार शावकों को जन्म दिया है। उन्होंने इसे ‘अमृत काल’ के दौरान भारत के वन्यजीव संरक्षण इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना बताया है। उन्होंने ट्वीट किया कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा 17 सितंबर 2022 को भारत लाए गए एक चीते ने चार शावकों का जन्म दिया है।
मंत्री ने प्रोजेक्ट चीता की पूरी टीम को चीतों को भारत वापस लाने के उनके अथक प्रयासों और अतीत में किए गए एक पारिस्थितिक गलतियों को सुधारने के उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।