महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और इस घटना पर उनकी माफी को भ्रष्टाचार को छिपाने का प्रयास बताया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि माफी मांगते समय भी मोदी के चेहरे पर अहंकार था।
उन्होंने आरोप लगाया, “मोदी ने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए माफी मांगी। राम मंदिर, संसद भवन और छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति सहित जहां भी मोदी का हाथ लगा , हर काम घटिया साबित हुआ।” उद्धव ठाकरे की यह टिप्पणी शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के विरोध में मुंबई में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के “जुटे मारो” विरोध प्रदर्शन के दौरान आई।
बता दें कि महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में मराठा सम्राट की 35 फुट ऊंची मूर्ति 26 अगस्त को गिर गई थी। इसका उद्घाटन पिछले साल दिसंबर में नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज और राज्य के लोगों से माफ़ी मांगी, जो मराठा सम्राट की मूर्ति गिरने से आहत हुए हैं। वहीँ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भी इस मुद्दे पर जनता से माफ़ी मांगते हुए कहा था कि जल्द ही शिवजी महाराज की इससे भी बड़ी मूर्ति लगाई जाएगी. कहा जा रहा है कि गिरने वाली मूर्ती के निर्माण में 3600 करोड़ रूपये की लागत आयी थी. 35 फिट की मूर्ति में इतनी बड़ी रकम लगने को विपक्ष भ्रष्टाचार बता रहा है.
पिछले दिनों पालघर में एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “मेरे लिए, मेरे साथियों और सभी के लिए, शिवाजी महाराज सिर्फ़ एक राजा नहीं बल्कि एक पूजनीय व्यक्ति हैं आज मैं उनके चरणों में सिर झुकाता हूँ और अपने देवता से माफ़ी माँगता हूँ।”