Manipur violence: मणिपुर में हिंसा के दौरान अभी तक करीब पांच हजार घातक हथियार लूटे गए हैं। जिनमें से मात्र अभी तक केवल साढ़े 12 सौ हथियार बरामद हुए हैं। इसका मतलब हिंसा फैला रहे लोगों के पास चार हजार से अधिक हथियार मौजूद हैं। थौवाई कुकी गांव में हमले के दौरान स्वचालित हथियारों का उपयोग किया गया। मणिपुर में तीन मई 2023 से जारी हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है। मणिपुर हिंसा में अभी तक 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 60 हजार से अधिक लोगों ने दूसरे स्थानों पर शरण पाई है। अभी तक मणिपुर में हिसात्मक संघर्ष मैतेई और कुकी समुदाय के बीच है।
जबरन हैड हंटर यानी ‘नगाओं’ की एंट्री कराने की कोशिश
अब इसमें जबरन हैड हंटर यानी ‘नगाओं’ की एंट्री कराने की कोशिश की जा रही है। सुरक्षा बलों के अधिकारी के अनुसार, मणिपुर में नगा बाहुल्य इलाकों के पास ऐसी कई वारदात हुई हैं जहां ‘नगा’ समुदाय थर्ड फ्रंट के तौर पर हिंसा में कूद पड़े हैं। कुछ ऐसे प्रयास हो रहे हैं कि जहां ‘कुकी और नगा’ समुदाय के बीच दूरी बढ़ जाए। एक दिन पहले उखरुल जिले के गांव थौवाई कुकी में तीन ग्राम रक्षकों को मार दिया। कुकी आदिवासियों का यह गांव, नगा जनजाति के लोगों के नियंत्रण वाले ‘तांगखुल’ से लगा हुआ है। इस हमले के पीछे साजिश बताई जा रही है। साजिश के तहत कुकी समुदाय के मन में सवाल आए कि ये हमला, नगा की तरफ से तो नहीं हुआ।
मणिपुर हिंसा में लूट के 1200 हथियार बरामद
मणिपुर में हिंसा के दौरान लूटे करीब पांच हजार घातक हथियारों में से केवल साढ़े 12 सौ हथियार बरामद हुए हैं। इसका मतलब लोगों के पास करीब चार हजार हथियार मौजूद हैं। थौवाई कुकी गांव में हुए हमले में इन्हीं स्वचालित हथियारों का उपयोग किया गया। तीन अगस्त को बिश्नुपुर जिले के नरसेना में स्थित इंडिया रिजर्व बटालियन ‘आईआरबी’ 2 के हेडक्वार्टर से 500 उपद्रवियों ने 400 से अधिक घातक हथियार लूटे थे। उपद्रवियों ने 22000 गोलियां लूट ली।
इनमें एके राइफल, इनसास राइफल, घातक राइफल, एक्स केलिबर राइफल, 5.56 एमएम 5.56 एमएम इनसास एलएमजी, एसएलआर व एमपी-5 कारबाइन सहित दूसरे हथियार भी शामिल हैं। चुराचांदपुर में एक अनौपचारिक स्वतंत्रता दिवस परेड में लोगों ने अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया। मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने इस मामले में डीसी और एसपी से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने कहा कि उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा है जब तक लूटे छह हजार हथियार बरामद नहीं हो जाते। तब तक मणिपुर में शांति नहीं हो सकती है। लूटे गए हथियारों का इस्तेमाल आम लोगों के खिलाफ हो रहा है।
‘नगा’ जनजाति के लोगों ने किया है प्रदर्शन…
मणिपुर में तामेंगलोंग, चंदेल, उखरुल और सेनापति जिले को नगा जनजाति के बाहुल्य वाला क्षेत्र माना जाता है। पिछले दिनों नगा समुदाय के हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया है। दरअसल मणिपुर की मौजूदा परिस्थितियों में नगा समुदाय खुद को असुरक्षित समझने लगा है। जब से वहां पर हिंसा शुरु हुई है, उसी के साथ ही यह खबर फैलती जा रही है कि सरकार पहाड़ के कुछ क्षेत्र में कुकी समुदाय के लिए अलग प्रशासनिक व्यवस्था कर सकती है। इसी डर से नगा समुदाय के लोगों ने अपने प्रदर्शन के माध्यम से केंद्र सरकार तक यह संदेश पहुंचाया है कि मणिपुर के पहाड़ी जिलों के लिए जो भी अलग से प्रशासनिक व्यवस्था तैयार हो, मगर उसमें किसी भी तरह से ‘नगा’ समुदाय के हित प्रभावित नहीं होने चाहिएं।
केंद्र के साथ नगा समुदाय की जो शांति प्रक्रिया
केंद्र के साथ नगा समुदाय की जो शांति प्रक्रिया चल रही है, उसकी भावना को ठेस न पहुंचे। दूसरी ओर, हिंसा के बाद कुकी इलाकों में अलग प्रशासनिक व्यवस्था की मांग तेज होती जा रही है। हिंसा के बाद वहां पर लोगों में ही नहीं, बल्कि सरकारी विभागों में भी समुदाय के आधार पर रेखा खिंच चुकी है। पुलिस और राजस्व सहित दूसरे महकमों के कर्मचारी आपस में बंट गए हैं। पहाड़ी जिले, जहां पर कूकी और नगा, इन समुदायों का प्रभाव है, वहां पर अब सरकार की पकड़ पहले जैसी नहीं रही।