उम्मीद के मुताबिक संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में एथिक्स कमेटी की सिफारिश के आधार पर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है. अपने निष्कासन पर TMC संसद ने कहा कि मोदी सरकार मुझे चुप कराकर अडानी मुद्दे को खत्म नहीं कर पायेगी। एथिक्स कमिटी को कंगारू कोर्ट बताते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा कि आपके द्वारा दिखाई गई प्रक्रिया का दुरुपयोग दर्शाता है कि अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है, आप एक महिला सांसद को परेशान करने के लिए किस हद तक जा सकते हैं।
आज दोपहर बाद जब सदन से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एथिक्स कमेटी की सिफारिशों को सदन से स्वीकार करने का आग्रह किया तो विपक्षी सांसदों द्वारा एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट न मिलने की बात कही गई और कहा गया कि बिना रिपोर्ट पढ़े वो कोई निर्णय नहीं ले सकते। इस बीच लोक सभा स्पीकर ने सभी सांसदों से सदन में रखे इस प्रस्ताव को पीड़ादायक बताते हुए कहा कि कई बार ऐसे अवसर आते हैं जब इस सभा को अपने प्रति और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य के निर्वहन के लिए उचित निर्णय लेने होते हैं। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र नियमों और उच्च मर्यादाओं से चलता है और हमारे लोकतंत्र और सदन की गरिमा एवं मर्यादा को बनाए रखने का दायित्व सभी का होता है।
बता दें कि एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने शुक्रवार को लोक सभा में रिपोर्ट पेश करते हुए महुआ मोइत्रा को कड़ी सजा देने की मांग करते हुए लोक सभा की सदस्यता से निष्कासित करने की सिफारिश की है। लोक सभा ने चर्चा के बाद ध्वनिमत से महुआ मोइत्रा को लोक सभा से निष्कासित करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही को 11 दिसंबर तक स्थगित कर दी गयी।