लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति करवट ले रही है। महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों पर गौर करें तो एक बात तो साफ है कि वहां की जनता ने उद्धव की शिवसेना को असली शिवसेना मान लिया है और इसी तरह शरद पवार की एनसीपी को असली एनसीपी मान लिया है। इन नतीजों का असर अब महाराष्ट्र सरकार पर भी दिखने लगा है, शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस्तीफा देने की बात कर रहे हैं, वहीं खबर यह भी है कि शिंदे और अजित पवार अपने विधायकों को खोने जा रहे हैं।
ताजा घटनाक्रम में अजित पवार मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं, क्योंकि गुरुवार को ट्राइडेंट होटल में हुई बैठक के लिए अजित पवार की शिवसेना के घड़ी चुनाव चिह्न वाले पांच विधायक होटल नहीं पहुंचे। इससे पहले खबर यह भी आई थी कि अजित पवार के गुट के 10 से 15 विधायक शरद पवार के संपर्क में हैं।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद अजित पवार ने ट्राइडेंट होटल में अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी। इससे पहले गुरुवार को अजित पवार के आवास पर सभी कोर कमेटी के सदस्यों की बैठक हुई थी जिसमें शाम को विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। अजित पवार की एनसीपी पहले से ही संकट में है। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने दावा किया है कि अजित पवार के कई विधायक उनके संपर्क में हैं और पार्टी में फिर से शामिल होना चाहते हैं।
पार्टी लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन और खासकर बारामती में हार से खुश नहीं है, जहां अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार सुप्रिया सुले से भारी अंतर से हार गईं। अजित पवार की पार्टी ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है कि होटल में बुलाई गई बैठक में उसके पांच विधायकों के शामिल न होने के पीछे क्या कारण है। एनसीपी (शरद पवार) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा था कि कई लोग हमारे संपर्क में हैं। हम 9 जून को बैठक में इन प्रस्तावों पर विचार करेंगे। 10 जून को हमारा स्थापना दिवस है।