RBI Governor Shaktikanta Das: देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई के गवर्नर को लंदन सेंट्रल बैंकिंग की ओर गवर्नर आफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। शक्तिकांत दास ने रिजर्व बैंक का गवर्नर पद संभालने के बाद कई बड़े फैसले लिए हैं। अभी हाल में ही उन्होंने दो हजार रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का एक बड़ा फैसला लिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) को ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड से सम्मानित किया है। देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई के गवर्नर को यह सम्मान लंदन सेंट्रल बैंकिंग की तरफ से दिया गया है। आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के बीच भी महंगाई से निपटने में उन्होंने बहुत सराहनीय भूमिका निभाई है। कोरोना संकट के दौरान भी अपने फैसलों से उन्होंने लोगों की वाहवाही लूटी थी। उस दौरान उन्होंने बैंको को कुछ महीनों के लिए ईएमआई में छूट देने के निर्देश दिए थे।
महंगाई से निपटने की प्रक्रिया लंबी होगी
इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने लंदन में ब्रिटेन की सेंट्रल बैंकिंग की ओर से आयोजित ग्रीष्मकालीन बैठकों में दिए गए उद्घाटन संबोधन में कहा था कि मुद्रास्फीति पर नियंत्रण की प्रक्रिया धीमी और लंबी होगी और मध्यम अवधि में 4 प्रतिशत के मुद्रास्फीति लक्ष्य को हासिल करने का लक्ष्य है।
महंगाई भले ही लक्ष्य से ऊपर गई पर हमारी सीमा के दायरे में
उन्होंने कहा कि हमारी आबादी और ‘जनसांख्यिकीय लाभ’ के कारण हर साल कार्यबल में बड़ी वृद्धि को देखते हुए, हम विकास संबंधी चिंताओं से अनजान नहीं रह सकते। इसलिए, हमने महामारी के वर्षों के दौरान भी विकास को प्राथमिकता दी। इस दौरान भले ही मुद्रास्फीति लक्ष्य से ऊपर रही, लेकिन सहिष्णुता बैंड के भीतर ही रही। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई के लड़ाई जारी है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हाल के दिनों केंद्रीय बैंकों को महामारी से तबाह अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्साहन प्रदान करने और मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए अपने सभी विकल्पों का उपयोग करना पड़ा और नीतियों को बदलना पड़ा।