देहरादून। प्रदेश में राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से लेक्चरर भर्ती में 100 अंकों के इंटरव्यू में रिश्वत से लेकर यौन शोषण तक का खेल हुआ है। आरोप है कि 2018-19 में 917 पदों पर हुई भर्ती में जो अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में टॉपर थे। उन्हें इंटरव्यू में कम अंक देकर बाहर किया गया। जबकि लिखित परीक्षा में कम अंक वाले अभ्यर्थी रिश्वत के बल पर चयनित हुए। भर्ती को लेकर महिला अभ्यर्थी ने पैसे के लेनदेन और यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। महिला की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की है। लेक्चरर भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का आरोप है कि सभी विषयों के लिखित परीक्षा के टॉपरों को अंतिम चयन के लिए नहीं चुना।
अर्थशास्त्र में अभ्यर्थी धीरज चंद पंत ने लिखित परीक्षा में 165 अंक प्राप्त किए थे। लेकिन 100 अंकों के इंटरव्यू में उन्हें 45 अंक देकर बाहर किया गया। भूगोल में दिनेश सिंह ने लिखित परीक्षा में 170 अंक प्राप्त किए पर इंटरव्यू में उन्हें 69 अंक ही मिले। राजनीति विज्ञान में छत्र सिंह कठैत ने लिखित परीक्षा में 175 अंकों के साथ टॉप किया था। उन्हें इंटरव्यू में मात्र 57 अंक मिले। जिसके कारण चयन नहीं हो सका। गणित महिला वर्ग में पूजा ने 137 अंक प्राप्त कर लिखित परीक्षा पास की थी। लेकिन इंटरव्यू में पूजा को मात्र 55 अंक ही मिले। जिससे वो चयनित नहीं हो पाई। हिंदी महिला की शाखा में कविता ने 185 अंक प्राप्त किए थे। जो इस विषय में लिखित परीक्षा के आधार पर टॉपर थीं। उन्हें इंटरव्यू में 60 अंक मिले जिस पर चयन नहीं हो सका।
लिखित परीक्षा में मात्र 101 अंक एवं 80 अंक लाने वाले अभ्यर्थी इंटरव्यू में 75 से 80 अंक मिले और उनका चयन हो गया। हैरानी यह है कि पूजा चौहान को महिला शाखा के इंटरव्यू में 75 अंक दिए गए। वहीं उन्हें सामान्य शाखा के इंटरव्यू में 56 अंक मिले। अभ्यर्थियों का आरोप है कि भाजपा की खंडूरी सरकार में ग्रुप सी भर्तियों में इंटरव्यू को खत्म कर दिया था। इसके बावजूद 100 अंकों के इंटरव्यू के आधार पर इसमें खेल किया। कुछ अभ्यर्थियों ने भर्ती में पैसों एवं यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। लेक्चरर भर्ती को लेकर जिस महिला ने रिश्वत और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उसकी शिकायत के आधार पर मुख्यमंत्री को प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के लिए लिखा है। अब प्रदेश में यह मामला अधिक गरमा रहा है। वहीं विपक्ष भी भाजपा सरकार को घेरने की कोशश कर रही है।