Laptop Business: भारत का पर्सनल कंप्यूटर (लैपटॉप और टैबलेट) का आयात सितंबर माह में 42 प्रतिशत बढ़कर 71.5 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है। जो एक साल पहले समान अवधि में आई गिरावट के विपरीत स्थिति है। सरकार द्वारा अगस्त महीने में इस तरह के इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर के आयात पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद आयात में तेजी आई है।
सिंगापुर से आयात में 188 प्रतिशत की बढ़ोतरी
वाणिज्य विभाग से जारी आंकड़ों के अनुसार इस तरह के आयात के बड़े स्रोत चीन से आयात में 33 प्रतिशत, जबकि सिंगापुर से आयात में 188 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। केंद्र सरकार ने 3 अगस्त को घोषणा की थी। वह सूचना तकनीक हार्डवेयर सेग्मेंट के 7 उत्पादों पर्सनल कंप्यूटरों, माइक्रो कंप्यूटरों, मेन फ्रेम कंप्यूटरों, सुपर कंप्यूटरों, कंप्यूटर सिस्टम और डेटा प्रॉसेसिंग यूनिट को ‘प्रतिबंधित’ की श्रेणी में लाने की योजना बना रही है।
केंद्र ने इसे लागू करने की योजना को 30 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया। उद्योग ने इस प्रतिबंध को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। मुख्य मकसद चीन से आयात पर निर्भरता घटाना और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना था। सरकार ने अपना कदम पीछे खींचते हुए पिछले महीने घोषणा की थी कि वह किसी इलाके विशेष से इस तरह के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के आयात प्रतिबंधित नहीं करेगी। बल्कि एक नया संपर्करहित आयात मंजूरी व्यवस्था (कॉन्टैक्टलेस इंपोर्ट अथरॉइजेशन सिस्टम) पेश करेगी।
पर्सनल कंप्यूटर के आयात में गिरावट
पिछले साल सितंबर से पर्सनल कंप्यूटर के आयात में गिरावट आ रही थी। अगस्त में इस तरह का आयात 26 प्रतिशत से घटकर 53.5 करोड़ डॉलर हो गया था। हालांकि कुल मिलाकर सितंबर में 7 सामानों का आयात 34.2 प्रतिशत से गिरकर 1 अरब डॉलर रह गया। वित्त वर्ष 2023 के अप्रैल-अगस्त के दौरान इन वस्तुओं का आयात 20.5 फीसदी घटकर 3.6 अरब डॉलर रह गया था।
वित्त वर्ष 2023 में भारत ने इस सात वस्तुओं का 8.8 अरब डॉलर का आयात लाइसेंसिंग प्रणाली के तहत किया। जिसमें से 5.1 अरब डॉलर(58 प्रतिशत) के उत्पादों का आयात चीन से हुआ था। पर्सनल कंप्यूटर के अलावा सितंबर में डेटा प्रॉसेसिंग यूनिट का आयात 33.5 प्रतिशत से बढ़कर 23.45 करोड़ डॉलर का हो गया और चीन व अमेरिका से आयात क्रमशः 25 प्रतिशत और 129 प्रतिशत बढ़ा।
अमेरिका ने भारत से ब्योरा मांगा
आयात लाइसेंसिंग को लेकर अमेरिका ने पिछले माह विश्व व्यापार संगठन में भारत से ब्योरा मांगा। अमेरिका ने भारत से कहा था कि वह एकत्र किए आंकड़ों के बारे में बताए कि उसका किस तरह से इस्तेमाल किया जाएगा। उसने जानना चाहा कि ‘क्या सूचना लाइसेंस देने की प्रक्रिया को प्रभावित करेगी? क्या भारत आपूर्ति की गई जानकारी के आधार पर मात्रात्मक प्रतिबंधों के उपयोग पर विचार करेगा?’
सरकार ने पिछले महीने साफ किया कि आयात प्रमाणन सितंबर 2024 तक वैध रहेगा। प्रमाणन की अवधि पूरी होने के बाद सरकार आंकड़ों का अध्ययन करेगी। हिस्सेदारों से संपर्क करेगी और तय करेगी कि आगे किस तरह के कदम उठाए जाएं, जिससे उद्योग में निश्चितता सुनिश्चित की जाएगी।
आयात प्रबंधन व्यवस्था के साथ सरकार विभिन्न स्रोतों से उत्पादों के स्पष्ट आंकड़े एकत्र करेगी। हिस्सेदारों के साथ परामर्श कर इसकी निगरानी करेगी। इसमें कहा है कि इससे हार्डवेयर उत्पादों की साइबर सुरक्षा के जोखिमों को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित की जा सकेगी।