चमोली- उत्तराखंड के चमोली जिले के बाण गांव में एक रहस्य में मंदिर के बारे में आपको बताते हैं. जो केवल साल में केवल एक ही दिन खुलता है. यही नहीं इस मंदिर में पुजारी के पूजा करते समय उसकी आंख पर और मुंह पर पट्टी बांधी जाती है. उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित लाटू देवता मंदिर (Laatu Devta Mandir) का यह मंदिर अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए हैं. जो केवल साल में एक बार ही वैशाख पूर्णिमा के दिन खोला जाता है. समुद्र तल से 8500 फीट की ऊंचाई पर देवदार के घने जंगलों के बीच स्थित लाटू देवता के मंदिर को नंदा देवी का धर्म भाई कहा जाता है.
देव दर्शन की इजाजत नहीं
चमोली के देवाल ब्लॉक बान गांव में स्थित है लाटू देवता का मंदिर(Laatu Devta Mandir). उत्तराखंड की कुलदेवी नंदा देवी की राज जात यात्रा का बारवा पढ़ाव है. लाटू देवता बान गांव से हेमकुंड तक नंदा देवी का अभिनंदन करते हैं. माना जाता है कि इस मंदिर में ‘नागराज’ मणि के साथ साक्षात रूप में विराज मान है. यह शायद यही वजह है कि श्रद्धालुओं को यहां पर देव के सीधे दर्शन करने की इजाजत नहीं है. यही नहीं साल में केवल एक बार खुलने वाले इस मंदिर मे पुजारी जब पूजा के लिए जाता है तो उसके आंख और मुंह पर पट्टी बांधी जाती है. कहा जाता है कि पुजारी के मुंह की गधं देवता तक ना पहुंचे इसलिए पुजारी के मुंह पर पट्टी बांधी जाती है. आंखों पर पट्टी बांधने के पीछे लोगों का मानना है कि मणि की चमक से आंखें की रोशनी जा सकती है. यही वजह है कि पुजारी के आंख और मुंह पर पट्टी बांधने के साथ-साथ श्रद्धालुओं को लाटू देवता के मंदिर में देव दर्शन की इजाजत नहीं है.
धार्मिक मान्यता
लाटू देवता मंदिर(Laatu Devta Mandir) को लेकर कई तरह की धार्मिक मान्यताएं हैं कहा जाता है कि जब माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था. तब मां नंदा को विदा करने के लिए उसके सभी भाई कैलाश की ओर चल पड़े. जिसमें उनके चचेरे भाई लाटू भी शामिल थे. रास्ते में लाटू को बहुत जोर से प्यास लगी और वह पानी के लिए इधर उधर भटकने लगे. इसी बीच लाटू देवता को एक झोपड़ी दिखाई दी. जहां पानी की तलाश में वे उस झोपड़ी के अंदर चले गए. बुजुर्ग ने लाटू देवता को कौने में रखें मटके से पानी पीने के लिए कहा. घर के अंदर दो मटके रखे थे जिसमें एक में पानी था जबकि दूसरे में कच्ची शराब. लाटू देवता ने जल्दबाजी में शराब का मटका पी लिया. जिसके बाद शराब ने अपना असर दिखाना शुरू किया और लाटू देवता ने वहां जमकर उत्पात मचाया. कहा जाता है कि लाटू देवता देवता के नशे में मचाए गए उत्पाप से माता पार्वती गुस्से में आ गई और उन्होंने लाटू को वही कैद कर दिया साथ ही उन्हें आदेश दिया कि वह हमेशा यही पर निवास करेंगे.