नई दिल्ली। अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट कराना बहुत आसान हो गया है। चाहें तो पॉलिसी समाप्त होने के बाद हर साल कंपनी बदल सकते है। लेकिन इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
पॉलिसी के फीचर्स
किसी अन्य प्लान या फिर कंपनी में हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट कराते समय, अपने पुराने प्लान और नए प्लान में मिलने वाली सुविधाओं की तुलना करनी चाहिए। जरूरत के मुताबिक प्लान चुनना चाहिए। किसी प्लान का चुनाव करने से पहले Room rent, co-pay, pre-existing diseases, waiting periods जैसे सुविधाओं की तुलना करनी जरूरी है।
पॉलिसी का प्रकार
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पोर्ट कराते समय उसके प्रकार को जान लेना जरूरी है। उदाहरण के लिए अगर केवल अपने लिए पॉलिसी ले रहे है, तो Individual पॉलिसी ठीक रहती है। वहीं, अगर पॉलिसी परिवार के लिए ले रहे हैं, तो Floater पॉलिसी ठीक रहती है।
वेटिंग पीरियड
कभी भी किसी अन्य कंपनी में स्विच करते समय हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि नई पॉलिसी में कितना वेटिंग पीरियड है। ज्यादातर देखा जाता है कि अगर हेल्थ इंश्योरेंस लिए हुए दो साल से अधिक का समय हो चुका है, तो कोई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी वेटिंग पीरियड नहीं देती है।
पोर्ट कराने के लिए जरूरी कागज
पॉलिसी की रिन्यूएबल तारीख आने से पहले पिछली हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करना होगा। इसी के साथ कंपनी से रिन्यूएबल नोटिस लेना होगा, जिसमें सम एश्योर्ड, पॉलिसी में कवर सदस्यों के नाम और क्लेम से जुड़ी जानकारी होगी।