अभिनेत्री से भाजपा सांसद बनीं कंगना रनौत अपने बयानों के कारण अक्सर मुश्किलों में घिरती रही हैं। ऐसे ही एक विवादित बयान पर जबलपुर कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया है। अब मामले में अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी। उनको लेकर शिकायतकर्ता अधिवक्ता अमित साहू का कहना है कि कंगना के बयान ने न सिर्फ स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है बल्कि हर भारतीय को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने आगे कहा कि उनका बयान देश के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने वाले अमर सेनानियों का अपमान है। भारत की आजादी के लिए लाखों लोगों ने कुर्बानी दी है, तब जाकर हमें अंग्रेजों से आजादी मिली। हमने इस बारे में शिकायत की और मामला कोर्ट के समक्ष रखा। माननीय कोर्ट ने इस पर सुनवाई की है और अभिनेत्री कंगना रनौत को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को है।
बता दें कि कंगना ने साल 2021 में कहा था कि 1947 में भारत को जो आजादी मिली, वह आजादी नहीं बल्कि भीख थी। असली आजादी तो 2014 में मिली थी। उनके इस बयान पर काफी बवाल मचा था, जहां हर वर्ग के लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं। कई राज्यों में उनके बयान के खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए थे। अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाली कंगना ने इसी साल जुलाई में शंकराचार्य पर भी सवाल उठाए थे।
इस मुद्दे से जुड़ी एक पोस्ट में उन्होंने कहा था कि शंकराचार्य जी ने महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री पर देशद्रोही, विश्वासघाती जैसे अपमानजनक शब्दों का आरोप लगाकर हम सबकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, शंकराचार्य जी ऐसी छोटी और ओछी बातें कहकर हिंदू धर्म की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं।