एनसीपी के संस्थापक सीनियर पवार यानि शरद पवार से पार्टी छीन लेने वाले जूनियर पवार यानि अजित पवार ने सीनियर पवार की तारीफ की और कहा कि पार्टी को खड़ा करने में शरद पवार की बड़ी भूमिका रही है। अजित पवार ने कहा कि 25 साल पहले एनसीपी की स्थापना सोनिया गांधी के राष्ट्रवाद पर हुई थी। पार्टी का नेतृत्व करने और उनके शक्तिशाली नेतृत्व के लिए मैं उनका आभारी हूं। उन्होंने कहा कि वह एनडीए के साथ हैं लेकिन उनकी विचारधारा अलग है। ऐसे में अजित पवार की बदली भाषा के बाद कयास लगने शुरू हो गए हैं कि क्या अजित पवार एक बार फिर शरद पवार के खेमे में शामिल होना चाहते हैं।
अजित पवार के इस बदले रुख से अटकलों का बाजार इसलिए भी गर्म है क्योंकि पार्टी विघटन के बाद अजित पवार के मुंह से पहली बार शरद पवार के लिए प्रशंसा में शब्द निकले हैं। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब एनसीपी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में पद लेने से इंकार कर दिया है। दरअसल एनसीपी कैबिनेट मंत्री का पद पाना चाहती थी वहीँ भाजपा उन्हें राज्य मंत्री का पद दे रही थी। अजित पवार का कहना था कि प्रफुल्ल पटेल लंबे समय तक केंद्र में कैबिनेट मंत्री रहे इसलिए राज्य मंत्री का पद मंजूर नहीं किया जा सकता।
बता दें कि भाजपा ने एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को भी 1 राज्यमंत्री पद का ऑफर भी दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया जबकि चुनाव में शिंदे के 7 सांसद जीते थे वहीँ अजित पवार की पार्टी सिर्फ एक सीट जीत सकी थी। हालाँकि विरोध के सुर शिवसेना शिंदे गुट से भी उठ गए हैं. अजित पवार ने कहा कि हमने एनडीए से हाथ मिलाया है लेकिन हमारी विचारधारा उनसे बिल्कुल अलग है और उसमें कोई बदलाव नहीं आया है।