Jet Airways founder Naresh Goyal: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक सितंबर को नरेश गोयल को लंबी पूछताछ के बाद धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था। एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैैं। कैनरा बैंक के 538 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। उन्हें ईडी की रिमांड समाप्त होने के बाद आज गुरुवार को अदालत के समक्ष पेश किया था। जांच एजेंसी द्वारा रिमांड की मांग नहीं किए जाने पर अदालत ने गोयल को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का फैसला किया।
धनशोधन रोकथाम अधिनियम
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक सितंबर को लंबी पूछताछ के बाद धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था। इसके बाद नरेश गोयल मुंबई की विशेष अदालत में पेश किया गया है। कोर्ट ने पाया कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने कई कंपनियों का गठन कर और हेराफेरी कर भारत से विदेशों में पैसा भेजा। इसके बाद उस पैसे से संपत्तियां खरीदीं। ईडी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम की विशेष अदालत से कहा कि हेराफेरी वाली अधिकतर धनराशि विदेशी खातों में रखी गई।
भारत की शीर्ष निजी एयरलाइन का संचालन कर चुके उद्योगपति नरेश गोयल ने दावा किया कि विमानन क्षेत्र बैंक ऋण के बलबूते चलता है। पूरी रकम को धनशोधन करार नहीं दिया जा सकता। अदालत ने आदेश में कहा कि आरोपी के बयानों से प्रथमदृष्टया संकेत मिले हैं कि उन्होंने देश-विदेश में अपने सभी बैंक खातों तथा चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा देने से बचने का प्रयास किया है।
ये है नरेश गोयल के खिलाफ पूरा मामला?
धनशोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर पर आधारित है। सीबीआई ने केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ रुपए की कथित धोखाधड़ी के सिलसिले में ठप हो चुकी एयरलाइन जेट एयरवेज, नरेश गोयल, उनकी पत्नी और एयरलाइन के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। केनरा बैंक ने इसकी शिकायत की थी और एफआईआर दर्ज की गयी थी। बैंक ने कहा था कि उसने जेट एयरवेज को 848. 86 करोड़ रुपये का Loan दिया था जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये Arrears है।