अमित बिश्नोई
वर्ल्ड कप 2023 के लिए भारतीय टीम का आधिकारिक रूप से एलान हो गया. बिना किसी सरप्राइज़ के वही 15 नाम टीम में शामिल हैं जिनकी घोषणा कई टीवी चैनलों पर एक्सपर्ट्स काफी पहले ही कर चुके थे. इतनी प्रेडिक्टेबल टीम की घोषणा शायद पहली बार हुई है जिसके बारे चयनकर्ताओं से पहले लगभग सभी लोगों को मालूम था और जब ऐसा होता है तो सवाल उठते हैं, सवाल तो कहीं न कहीं टीम की घोषणा के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने भी उठाया वो भी तब जब प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर बगल में बैठे थे. अप्रत्यक्ष रूप से ही सही, रोहित ने ऐतराज़ तो दर्ज ही करवा दिया , ये कहकर कि टीम में एक जैसे दो खिलाडी नहीं होने चाहिए। सोच लीजिये जब विश्व कप जैसे क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट से पहले टीम का कप्तान चुनी गयी टीम से सिर्फ संतुष्ट हो, खुश न हो तो इसका मतलब है कि सबकुछ सही नहीं है. याद रखना चाहिए कि इस विश्व कप का मेज़बान भी भारत ही है.
चलिए टीम की तरफ बढ़ते हैं. 15 खिलाडियों के नाम तो आपको पता ही होंगे। कप्तान रोहित, शुभमन, विराट, श्रेयस और सूर्यकुमार समेत पांच प्योर बल्लेबाज़. ईशान किशन और के एल राहुल विकेटकीपर बल्लेबाज़ के रूम में. हार्दिक पंड्या,रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, अक्षर पटेल आलराउंडर के तौर पर. बुमराह, सिराज, शमी तेज़ गेंदबाज़ और इकलौते खालिस स्पिनर कुलदीप यादव। ध्यान रहे कि टीम में कोई ऑफ स्पिनर नहीं है और रोहित का ऐतराज़ भी इसी बात को लेकर था. एक जैसे स्पिनर की बात उन्होंने इसीलिए कही थी क्योंकि अक्षर और जडेजा लगभग एक ही तरह की गेंदबाज़ी करते हैं. सेलेक्टर्स शायद भूल गए भारत आने वाली हर टीम में कम से कम दो क्वालिटी बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ज़रूर होंगे जिनके सामने एक लेग स्पिनर की तुलना में एक क्वालिटी ऑफ स्पिनर कहीं ज़्यादा प्रभावशाली रहता है. भारत के पास इस समय अश्विन और वाशिंगटन सूंदर के रूप में सफ़ेद बॉल क्रिकेट के दो क्वालिटी ऑफ स्पिनर हैं जो अक्षर से अच्छी बल्लेबाज़ी भी करते हैं. पारी को लम्बा भी खेल सकते हैं और ज़ोरदार हिटिंग भी. रोहित का ऐतराज़ जायज़ है और शायद इसलिए चयनित टीम से संतुष्ट होने की बात की खुश होने की नहीं।
चयनित टीम में सबसे ज़्यादा चर्चा एक ही खिलाड़ी की है और वो हैं के एल राहुल जिन्हें टीम में शामिल करने के लिए एक दिन पहले तक पूरा मौका दिया गया और उन्हें मैच फिट करार देकर टीम में शामिल कर लिया गया. राहुल श्रीलंका पहुँच चुके हैं और संभवतः 10 सितम्बर को पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मैच में खेलेंगे। उनकी मैच फिटनेस का असली पता तभी चल सकेगा। हालाँकि कहा जा रहा है बतौर विकेटकीपर वो अब भी पूरी तरह कम्फर्टेबल नहीं हैं, उन्हें अभी भी परेशानी है लेकिन कहा गया है कि राहुल कीपिंग कर लेंगे। अब देखने वाली बात होगी कि कर लेंगे या करेंगे। बहरहाल इतना तो तय है कि वो खेलेंगे क्योंकि उन्हें टीम में लाने के लिए कई समझौते किये गए हैं। ऐसा लग रहा है जैसे टीम को राहुल चाहिए ही चाहिए भले ही उनके साथ ईशान किशन को बतौर विकेटकीपर खिलाना पड़े. अब राहुल खेलेंगे तो उनका मुकाबला श्रेयस अय्यर से ही होगा। क्योंकि बाकी के क्रम तो लगभग फिक्स हैं. ईशान का खेलना तय है। फिर हार्दिक, जडेजा अक्षर/शार्दुल, कुलदीप, बुमराह और सिराज/ शामी. कहने का मतलब श्रेयस और सूर्या की तो जगह ही नहीं बन रही है।
इन दोनों बल्लेबाज़ों के लिए मौका तभी बनेगा जब शुभमन गिल के बारे में टीम मैनेजमेंट कुछ सोचेगी जिसके बारे में सम्भावना बहुत कम है, क्योंकि जब वहां कोई स्लॉट खाली होगा तभी ईशान को ऊपर भेजा जा सकता है और मध्य क्रम में सूर्या या श्रेयस के लिए जगह बन सकती है. स्पिन गेंदबाज़ी की बात हो चुकी है, तेज़ गेंदबाज़ी भी परफेक्ट है, सवाल सिर्फ बुमराह की मैच फिटनेस का ही है. अगर वो 10 ओवर की गेंदबाज़ी के लिए खुद को फिट साबित करते हैं तब इससे अच्छी कोई बात नहीं हो सकती, हालाँकि कोई लेफ्टी मीडियम पेसर होता तो कॉम्बिनेशन और अच्छा होता लेकिन वो हमारे पास उपलब्ध नहीं है. अर्शदीप अभी सिर्फ टी-20 तक सीमित हैं। चिंता सिर्फ एक बात को लेकर है कि इतने बड़े टूर्नामेंट के लिए टीम में उन तीन खिलाडियों को शामिल किया गया है जो एक लम्बी इंजरी और सर्जरी के बाद आये हैं। बुमराह, श्रेयस और राहुल तीनों ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से काफी समय से दूर रहे हैं, बुमराह ने ज़रूर टी 20 आयरलैंड के खिलाफ खेले हैं. ऐसे में यह तीनों ही सवालों के घेरे में हैं और साथ चयनकर्ता भी. दुर्भाग्य से इन टीमों में कोई भी आने वाले मैचों में अपनी फिटनेस पर खरा नहीं उतरा या फिर कोई नई चोट उबर आयी तो…..