US Strikes On Iran: अमेरिका ने सीरिया में ईरान के हथियार भंडार केंद्र को निशाना बनाया है। जिसमें नौ लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ हुए हमलों के जवाब में अमेरिकी युद्धपोतों ने पूर्वी सीरिया में ईरान से जुड़े हथियार भंडार केंद्र पर हमला कर दिया। दो सप्ताह में दूसरी बार है अमेरिका ने सीरिया में किसी स्थान को निशाना बनाया है।
अमेरिका ने सीरिया में ईरान समर्थित आतंकी समूहों से जुड़े हथियार भंडार पर यह हमला बुधवार को किया। पिछले महीने इन ग्रुपों ने सीरिया में अमेरिकी सैनिकों और मिलिट्री स्टेशनों पर हमला किया था। अमेरिकी सेना सूत्रों के मुताबिक ये कार्रवाई उसी उकसावे को ध्यान में रखकर की गई है।
हथियार भंडार केंद्र पर हमला
अमेरिकी रक्षा सचिव (रक्षा मंत्री) लॉयड जे. ऑस्टिन ने इस संबंध में आधिकारिक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ हुए आतंकी हमलों के जवाब में अमेरिका के युद्धपोतों ने पूर्वी सीरिया में ईरान से जुड़े हथियार भंडार केंद्र पर हमला कर दिया।
युद्ध को क्षेत्रीय युद्ध में बदलने से रोकने की कोशिश
अमेरिका ने कहा है कि पूर्वी सीरिया में निशाना बनाया गया हथियार भंडार केंद्र ईरान से जुड़ा है। यह ऐसे ग्रुपों का समर्थन करता है, जिनको अमेरिका मध्य पूर्व में अपनी सेनाओं पर हमलों में बढ़ोतरी के लिए दोषी मानता है। अमेरिका, ईरान और उसके प्रतिनिधियों को इस्राइल-हमास युद्ध को क्षेत्रीय युद्ध में बदलने से रोकने की कोशिश कर रहा है। लेकिन प्रतिक्रिया के बीच हो रहे हमलों से वाशिंगटन और तेहरान के बीच संघर्ष का खतरा बढ़ गया है।
हमले में एफ-15 युद्धक विमानों का इस्तेमाल
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि अमेरिकी सेना ने पूर्वी सीरिया में ईरान के जिस हथियार भंडार केंद्र को निशाना बनाया उसका इस्तेमाल इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और इससे संबंधित ग्रुपों द्वारा किया जाता है। कहा जा रहा है कि भंडारण केंद्र पर हमला दो अमेरिकी एफ-15 युद्धक विमानों से किया था।
इससे पहले 27 अक्तूबर को किया था हमला
गौरतलब है, इससे पहले अमेरिका ने 27 अक्तूबर की सुबह सीरिया में ईरान समर्थित आतंकी ग्रुपों पर सैन्य कार्रवाई की थी। बीते दिनों इन ग्रुपों ने सीरिया में अमेरिकी सैनिकों और मिलिट्री स्टेशनों पर हमला कर दिया था। अमेरिकी सेना के सूत्रों के अनुसार ये कार्रवाई उसी उकसावे को ध्यान में रखकर की गई थी। रक्षा सचिव ने कहा था कि जब अमेरिकी सेना के ठिकानों पर ईरान समर्थित इन आतंकियों ने हमला किया तो हमले के दौरान शेल्टर लेते समय एक अमेरिकी ठेकेदार की हार्ट अटैक से मौत हो गई, साथ ही इस हमले में 21 अमेरिकी सैनिक मामूली रूप से घायल हुए थे, हालांकि अभी वह वापस ड्यूटी पर लौट आए हैं।