मोदी सरकार देश में One nation One election का सिद्धांत लागू करना चाहती है जिसे विपक्ष बिलकुल पसंद नहीं कर रहा है वहीँ उद्योग जगत इस मामले में सरकार के साथ आकर खड़ा हो गया है, उसका मानना है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव (लोकसभा और विधानसभा) होने से देश के विकास में मदद मिलेगी और अर्थव्यवस्था पर बोझ भी कम पड़ेगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ यानी CII ने एक साथ चुनाव कराने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार को अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि इससे केंद्र और राज्य स्तर पर चुनावी चक्र एक हो जाएंगे। CII ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव से शासन की दक्षता बढ़ेगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में ओएनओई पर उच्च स्तरीय समिति की पांचवीं बैठक में CII ने शुक्रवार को एक देश एक चुनाव (ONOE) पर अपने विचार रखे।
CII ने कहा कि संस्था का विचार चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के आर्थिक लाभों पर आधारित है जिससे शासन की दक्षता बढ़ेगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। CII के मुताबिक बार-बार चुनावों से नीति निर्माण और प्रशासन में व्यवधान होता है जिससे सरकार की नीतियों के बारे में अनिश्चितता पैदा होती है। CII ने कहा कि अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी में लगाए जाने से सरकार के कामकाज पर भी असर पड़ता है। चुनाव से पहले निजी क्षेत्र द्वारा निवेश संबंधी फैसले भी धीमे हो जाते हैं। वहीँ आदर्श आचार संहिता लागू होने से परियोजना के कार्यान्वयन में देरी होती है. CII के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी के मुताबिक आर्थिक नुकसान और नीति-निर्माण में सुस्ती को देखते हुए उद्योग मंडल का सुझाव है कि भारत को एक साथ चुनाव के चक्र पर वापस लौटना चाहिए।