बांग्लादेश में हाल की घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि भारत का गारमेंट सेक्टर पड़ोसी देश में अपने निवेश को लेकर “थोड़ी अनिश्चितता” का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि अल्पावधि में बांग्लादेश के रेडीमेड गारमेंट उद्योग में निवेश करने वाली भारतीय कपड़ा कंपनियों को अपने उत्पादन प्रवाह को बनाए रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि, वित्त मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में उथल-पुथल का भारत की समग्र अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी। बता दें कि रेडीमेड गारमेंट क्षेत्र बांग्लादेश के लिए सबसे बड़ा निर्यातक है, यह वित्त वर्ष 24 में भारत के कुल आउटबाउंड शिपमेंट का केवल 3.35 प्रतिशत था।
2022-23 में बांग्लादेश के कुल निर्यात में रेडीमेड गारमेंट का हिस्सा करीब 47 बिलियन डॉलर था, जो 84.6 प्रतिशत था। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में सभी श्रेणियों के वस्त्रों का भारतीय निर्यात सालाना आधार पर 3.23 प्रतिशत घटकर 34.40 बिलियन डॉलर रह गया। बांग्लादेश को नई दिल्ली के निर्यात में मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो पार्ट्स, लोहा और इस्पात, बिजली और प्लास्टिक के अलावा वस्त्र भी शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पड़ोसी देश की अंतरिम सरकार जल्द ही चीजों को सुलझा लेगी ताकि स्थिति सामान्य हो जाए। बांग्लादेश के अंतरिम नेता, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने इस सप्ताह की शुरुआत में शेख हसीना की सरकार को हटाने के बाद 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली।