अमित बिश्नोई
2019 के सेमीफइनल का हिसाब बराबर करने के बाद अब बारी है 2003 के फाइनल में मिली अपमानजनक पराजय का हिसाब किताब बराबर करने की। एकबार फिर 20 साल बाद खिताबी भिड़ंत के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया आमने सामने हैं लेकिन आज के हालात 2003 से काफी अलग हैं। रोहित सेना इस बार अपने प्रचण्ड फॉर्म में है और उसके सामने जो भी आ रहा है उसे रौंदते हुए मंज़िल तक पहुँचने का उसने रास्ता बनाया है। अब अंतिम युद्ध की तैयारी है जहाँ दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया है जो लड़खड़ाती हुई फाइनल बैटल ग्राउंड अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम तक पहुंची है जहाँ एक रोमांचक जंग के लिए सारी तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं। दो चैंपियन टीमों के बीच इस महासंग्राम को देखने सवा लाख क्रिकेट फैंस रणभूमि में मौजूद होंगे वहीँ करोड़ो लोग टीवी पर इस जंग का नज़ारा देखेंगे।
भारत का टॉप आर्डर हर विरोधी गेंदबाज़ की धज्जियाँ उड़ा रहा है. विराट कोहली और श्रेयस अय्यर और के एल राहुल जहाँ शतक पर शतक जड़ रहे हैं वहीँ कप्तान रोहित शर्मा अपने रौद्र रूप से सामने वाले गेंदबाज़ों के दिलों में खौफ पैदा कर रहे हैं और इसके बाद मोहमद शामी अपनी आग उगलती गेंदों का कहर विरोधी टीम पर बरसाते हैं. फिलहाल तो किसी के पास भी भारतीय टीम का कोई तोड़ नज़र नहीं आ रहा है लेकिन ऑस्ट्रेलिया फिर भी ऑस्ट्रेलिया है जिसे फाइनल मैचों में कैसे खेला जाता है अच्छी तरह आता है. उसने अबतक सबसे ज़्यादा सात बार ODI विश्व कप के फाइनल खेले हैं जिनमें पांच बार खिताबी जीत हासिल की है, यही वजह है कि उसे बड़े मैचों की टीम कहा जाता है. इसका सबसे बेहतर नज़ारा ऑस्ट्रेलिया और अफ़ग़ानिस्तान के मैच में देखने को मिला, ये ऑस्ट्रेलिया के लिए बहुत अहम् मैच था और टीम की हालत टाइट थी, हार यकीनी दिख रही थी तभी ग्लेन मैक्सवेल अवतरित होते हैं और एक ऐसी पारी खेलते हैं जो सदियों में एकबार खेली जाती है.
ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो डेविड वार्नर का बल्ला रन उगल रहा है, इस विश्व कप में 500 + रन बनाने वाले वो ऑस्ट्रेलिया के इकलौते बल्लेबाज़ हैं, मिचेल मार्श ने भी कुछ अच्छी पारियां खेली हैं, टीम में ट्रेविस हेड के आने से बल्लेबाज़ी को मज़बूती मिली है, हालाँकि मिडिल आर्डर में स्टीव स्मिथ, लाबुषाणे और इंग्लिस के बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं और ऑस्ट्रेलिया के लड़खड़ाने की वजह भी यही है. गेंदबाज़ी में ज़म्पा का जलवा रहा है, मिचेल स्टार्क और हेज़लवुड ने भी सेमी फाइनल में लय पकड़ी है, देखना होगा भारतीय बल्लेबाज़ी के सामने ये लय बरकरार रहती है या नहीं।
भारतीय टीम में कोई बदलाव होगा या नहीं इसपर कुछ भी साफ़ नहीं है, अलबत्ता रोहित शर्मा ने मैच से पहले प्रेस कांफ्रेंस में ये ज़रूर कहा कि 12-13 लड़कों को तैयार रहने को कहा गया है, किसी को भी मौका मिल सकता है, ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अश्विन को मौका मिल सकता है, पर सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर मौका मिलता है तो किसकी जगह? क्या सूर्या को हटाया जा सकता है, क्योंकि सूर्या के बल्ले से अबतक कुछ नहीं मिला है, हालाँकि उन्हें मौके भी कम मिले हैं, और किसी प्लेयर को ड्राप करने की स्थिति तो दिख नहीं रही। मैच भी उसी पिच पर खेला जा रहा है जो भारत- पाकिस्तान मैच में प्रयोग हुई थी. कुलदीप और जडेजा ने पाकिस्तानियों को छकाया था और दोनों मिलकर चार विकेट भी निकाले थे, ऐसे में एक एक्स्ट्रा स्पिनर के साथ अगर रोहित शर्मा मैदान पर उतरते हैं तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। भारत की तेज़ गेंदबाज़ी के बारे में इस समय कुछ भी कहना कम होगा। बुमराह और सिराज को अगर खेल लिया तो शामी आपको खेलने नहीं देंगे। हार्दिक को जब चोट लगी तो सवाल उठा टीम इंडिया इस झटके से कैसे उबरेगी मगर हार्दिक की चोट ने शामी के लिए अवसर पैदा किया और शामी ने इस आपदा को अवसर में बदला, इसके बाद अबतक जो कुछ हुआ है वो सबके सामने है.
सवाल बस यही, अंतिम युद्ध जीतेगा कौन? बकौल रोहित शर्मा अबतक सबकुछ प्लान के मुताबिक हुआ है, सबकुछ अच्छा हुआ है, एक और अच्छा दिन टीम को चाहिए। रोहित को भी मालूम है कि टीम भले ही प्रचण्ड फॉर्म में है लेकिन ऑस्ट्रेलिया फिर भी ऑस्ट्रेलिया है जो बड़े मंच की टीम है. भारतीय टीम किसी ग़लतफ़हमी में नहीं ये बड़ी अच्छी बात है, विरोधी की ताकत को स्वीकारना अच्छी बात होती है तभी आप पूरी तैयारी के साथ मैदाने जंग में उतरते हैं. बस कुछ घंटे और, पता चल जायेगा चैंपियन कौन?