यूपी में 13 नवंबर को होने वाले 9 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार की रात एक बड़ा ऐलान करके सबको चौंका दिया है. अखिलेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन चुनाव लड़ेगा लेकिन साइकिल के सिंबल पर. कांग्रेस पार्टी और सपा के बीच सीट शेयरिंग को लेकर चल रही ख़बरों के बीच अखिलेश यादव के इस बयान के पीछे का असली मकसद क्या है, राजनीतिक पंडित इसे समझने में लगे हैं.
वैसे अखिलेश के मुताबिक ऐसा इसलिए किया जायेगा क्योंकि सीटों से जीत की संभावनाओं को बढ़ाना है, सीट से ज़्यादा जीत ज़रूरी है. अखिलेश ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि उपचुनाव सपा और कांग्रेस मिलकर मज़बूती के साथ लड़ेंगी हालाँकि सिंबल एक ही होगा। अखिलेश के मुताबिक ये पीडीए का सम्मान बचाने का चुनाव है. अखिलेश ने भरोसा जताया कि कांग्रेस और सपा के बूथ कार्यकर्ता मिलकर भाजपा को सबक सिखाने का काम मज़बूती से करेंगे।
बता दें कि उपचुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सपा और कांग्रेस में मोलभाव का दौर चल रहा है. कल रात ही महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की पार्टी कांग्रेस, एनसीपी सपा और शिवसेना यूबीटी के बीच सीटों पर सहमति हुई थी और तीनों ही पार्टियों को बराबर 85-85 सीटें मिली हैं. इंडिया गठबंधन की सहयोगी पार्टियों के लिए शेष सीटें छोड़ दी गयी हैं जिनपर आज या कल तक बातचीत फाइनल हो जाएगी। इसी बीच अखिलेश यादव के इस बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है. अखिलेश के इस बयान पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है, तो सवाल ये हो रहा है कि क्या कांग्रेस पार्टी की इसमें सहमति है क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने उपचुनाव से अपना हाथ खींच लिया था उसे गाज़ियाबाद और खैर विधानसभा की जो दो सीटें दी गयी थी उसे कांग्रेस नेतृत्व ने स्वीकार नहीं किया था और सपा को सभी सीटों के लिए रास्ता ये कहते हुए छोड़ दिया था कांग्रेस पार्टी सपा की जीत के लिए ज़ोर लगाएगी। बाद में खबर आयी कि अखिलेश यादव फूलपुर की सीट कांग्रेस को देने के लिए राज़ी हो गए हैं जो कांग्रेस पहले से मांग रही थी. अब इन सबके बाद अखिलेश का बयान सिर घुमा देने वाला है.