उत्तर प्रदेश में नौ सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच सियासी माहौल गर्म होता जा रहा है. दोनों ही पार्टियां होर्डिंगबाज़ी में बाज़ी मारने में लगी हुई हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “बटेंगे तो कटेंगे” वाले नारे पर सपा की तरफ से “जुड़ेंगे तो जीतेंगे” का नारा दिया गया है। राज भवन चौराहे से समाजवादी पार्टी कार्यालय की ओर जाने वाली सड़कों पर “जुड़ेंगे तो जीतेंगे” नारे वाले कई होर्डिंग्स नज़र आ रहे हैं. सपा की इन होर्डिंग्स को योगी आदित्यनाथ के उस नारे पर पलटवार माना जा रहा है जो बंटने और कटने वाला है. योगी के इस नारे को प्रधानमंत्री मोदी से लेकर संघ के लोग भी अपने अपने अंदाज़ में बोलते नज़र आते हैं.
समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा इससे पहले भी पोस्टरबाजी की जा चुकी है, कुछ समय पहले ‘सत्ताइस का सत्ताधीश’ वाला पोस्टर काफी चर्चित हुआ था और जिसपर भाजपा नेताओं ने जवाब भी दिया था. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने तो इसे सपाइयों का सपना बताया था. इस पोस्टर में अखिलेश यादव की 2027 में ताजपोशी की बातें लिखी गयी थी. अखिलेश यादव इन दिनों जुड़ने की बात काफी कर रहे हैं. कल उन्होंने नितीश कुमार को लेकर भी बयान दिया था और कहा था कि INDIA गठबंधन की आधारशिला उन्होंने ने ही रखी, अखिलेश ने कहा था कि वो नितीश की वजह से ही इंडिया ब्लॉक में शामिल हुए थे. अखिलेश के इस बयान के बाद एकबार फिर कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है.
वैसे भी इधर कुछ समय से नितीश और केंद्र के बीच समन्वय की कमाई दिखाई दे रही है. कहा तो ये भी जा रहा है कि नितीश केंद्र सरकार यानि मोदी और शाह से नाराज़ हैं और वो अपना पाला भी बदल सकते हैं. सपा के “जुड़ेंगे तो जीतेंगे” वाली होर्डिंग्स को अखिलेश यादव के इन्हीं बयानों से जोड़कर भी देखा जा रहा है जिसमें वो नितीश कुमार से फिर वापस जुड़ने का आग्रह करते हुए दिख रहे हैं. इधर अखिलेश यादव मंहगाई को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर हमलावर नज़र आ रहे हैं। अपने सोशल प्लैटफॉर्म्स से अखिलेश ने योगी सरकार पर त्योहारों को फीका करने का आरोप लगाया है, अखिलेश का कहना है कि खाने पीने की चीज़ों के दाम इतने ज़्यादा बढ़ चुके हैं कि अब तो किचन से पकवानों की खुशबू बाहर ही नहीं निकल पाती। इस डबल इंजन की सरकार ने तेल की मंगाई से जनता का तेल निकाल दिया है.