घूमने-फिरने का शौक हम सभी को होता है और इसके लिए हम आए दिन तरह-तरह की योजनाएं बनाते रहते हैं। रोजमर्रा के काम के चलते लोगो के पास जैसे ही टाइम होता है तो वो कही न कही जाना ही पसंद करते है , लेकिन टाइम कम होने की वजह से वो छोटी यात्रा ही प्लान करना पसंद करते है। अगर आप दिल्ली में रहते है तो आपके लिए सबसे अच्छी जगह वृन्दावन है ।
वृन्दावन की बात करें तो यहां हम बांकेबिहारी जी के मंदिर के दर्शन करने जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बांकेबिहारीजी के दर्शन के बाद हम यहां मौजूद कई स्थानों के दर्शन भी कर सकते हैं?
अगर नहीं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं वृन्दावन में मौजूद ऐसे स्थानों के बारे में जहां आपको भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी कई बातें जानने को मिलेंगी। इसके जगहों पर दर्शन करके जो आपको अनुभव होगा वो अनुभव शायद ही आपको कभी हुआ होगा ।
प्रेम मंदिर
इस मंदिर का निर्माण जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने करवाया है। वहीं, इस मंदिर का निर्माण साल 2001 में शुरू किया गया था,और यह बनकर 2012 में तैयार हुआ। आपको नही पता है तो बता दे कियह मंदिर काफी बड़े एरिया में फैला हुआ है। जब आप इस मंदिर में जायेंगे तो आपको इसमें भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की कई प्रेम लीलाओं वाली झांकिया देखने को मिलेंगी । इस मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय रात है ।
निधि वन
यमुना नदी के पास स्थित यह जंगल बहुत बड़ा है। कहा जाता है कि यहां भगवान श्री कृष्ण अपनी गोपियों के साथ बांसुरी बजाते थे और गोपियों के साथ रास रचाते थे। बता दें कि इस जंगल में शाम के बाद जाना बिल्कुल मना है। ऐसा इसलिए क्योंकि कहा जाता है कि इस जंगल में लगे पेड़ रात में तुलसी के पेड़ से गोपी बन जाते हैं और कन्हैया की धुन पर नाचने लगते हैं। इसकी सच्चाई कोई नहीं जानता.
इस्कॉन मंदिर
इस्कॉन का मतलब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस है। बता दें कि इस मंदिर में हरे कृष्ण हरे राम का जाप किया जाता है। वहीं इस मंदिर को श्रीकृष्ण बलराम मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में आपको कई भक्त कृष्ण लीला में लीन होकर नाचते-गाते दिख जाएंगे।
बोटिंग कर सकते हैं
ये कहानी तो सबको ही पता है कि श्री कृष्ण भगवान ने कालिया नाग का वध किया था . जब भगवान कृष्ण दोस्तों के साथ गेंद खेल रहे थे, तभी उनकी गेंद अचानक यमुना नदी में गिर गई और वे उसको बचाने के लिए यमुना नदी में कूद पड़े। जब वे पानी में गये तो फिर कालिया नाग को मारकर ही लौटे। बता दें कि इस नदी का पानी आज भी काला है और लोग यहां आकर नौकायन का आनंद लेते हैं।